कानपुर (ब्यूरो) प्रोग्राम का संचालन एचओडी प्रो। राबिन्स पोरवाल और बीआईएजी के निदेशक आशु गुप्ता ने किया। अन्ना यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। वेलराज रामालिंगम ने ऑनलाइन स्टूडेंट्स को संबोधित किया। जजों की कमेटी में डॉ। सैयद मुजाहिद हुसैनी (हैदराबाद) ने ऑनलाइन आकर विनर टीमों की घोषणा की। सीएसजेएमयू के वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ऑनलाइन जुड़े।

50 फिट तक जाएगा हेक्साकॉप्टर

सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के बीसीए चौथे सेेमेस्टर के आयुष कटियार ने हेक्साकॉप्टर ड्रोन को बनाया है। यह एक किलोमीटर रेंज में 50 फिट की ऊंचाई तक एक किलो वजन लेकर 20 मिनट तक उड़ान भरने में सक्षम है। इसमें 6 मोटर, 6 इलेक्ट्रिक स्पीड कंट्रोलर, फ्लाइट कंट्रोलर, ट्रांसमीटर और रिसीवर लगा है। इसको बनाने में 40 हजार रुपए कास्ट आई है। उन्होंने बताया कि वह यूनिवर्सिटी के आत्मोदय हॉबी क्लब के मेंबर हैैं। उन्होंने अपनी हॉबी से इस ड्रोन को बनाया है। आगे वह इसको और डेवलप करेंगे।

दुश्मन का पीछा करेगा ऑप्स्टिकल

सीएसजेएमयू के यूआईईटी के छह बीसीए स्टूडेंट्स की टीम ने नैनो ड्रोन और ऑप्स्टिकल डिटेक्टर बनाया है। ऑस्टिकल डिटेक्टर को आर्मी के लिए बनाया गया है। इसके सामने यदि कोई भी व्यक्ति आता है तो यह उसको फॉलो करेगा। इसको बार्डर में लगा कर वहां आने-जाने वालों की निगरानी की जा सकती है। इसमें लगा जीपीएस आपको लोकेशन की जानकारी देगा। इसमें ऑर्डिनो, यूनो, अल्ट्रासोनिक सेंसर, बैटरी, डीसी मोटर और पहिए लगे हुए हैैं। ऑर्डिनों में की गई कोडिंग से यह दुश्मन का पीछा करता है। इसको बनाने में मात्र 1500 रुपए कॉस्ट आई है। इसके अलावा टीम ने एक छोटा नैनो ड्रोन बनाया है। यह साइज में छोटा है। इसमेें कैमरा लगाकर दुश्मन के इलाके की निगरानी की जा सकती है। साइज मेें छोटा होने की वजह से यह आसानी से पकड़ में नहीं आएगा। यह 2850 रूपए में बना है। इस टीम में माधव पांडेय, गुंजा सिंह, अक्षिता सक्सेना, झितिज शुक्ला, बृजमोहन और निहाल हैैं।

कॉम्पटीशन में यह बने विनर

दोनों दिन के कॉम्पटीशन में परफार्मेंस के आधार पर पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी कोयंबटूर की टीम फस्र्ट, श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी रायपुर की टीम सेकेंड और घनी खान इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी मालदा की टीम तीसरे स्थान पर रहीं। फस्र्ट को 5000, सेकेंड को 3000 और थर्ड विनर को 2000 कैश, सर्टिफिकेट और ट्राफी मिली।