कानपुर (ब्यूरो) सीबीएमआर के निदेशक प्रो। आलोक धवन ने कहा कि हमारी संस्था, सीएसजेएमयू के साथ मिलकर डिजीज ओरिएंटेड रिसर्च, डिस्कवरीज ऑब्जर्वेशन के साथ-साथ डायग्नोसिस और थेरपी पर मिलकर कार्य करेगी। हम शोधकर्ताओं की शिक्षा और प्रशिक्षण को भी नई दिशा प्रदान करेंगे।

एआई से आया परिवर्तन
वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ने कहा कि आज के समय में होने वाले ज्यादातर अनुसंधान संस्थानों और यूनिवर्सिटी के परस्पर सहयोग से हो रहे हैं, जिससे अनुसंधान और प्रकाशन के कार्यों को एक नई राह मिल रही है। उन्होंने कहा कि हेल्थ सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के आने से जो क्रांतिकारी परिवर्तन आया है, उससे जीव विज्ञान को भी फायदा मिला है।

पीएचडी वालों के लिए लाभदायक
प्रति कुलपति प्रो। सुधीर कुमार अवस्थी ने कहा कि अब समय आ गया है कि लाइफ साइंस तथा मेडिकल साइंस मिलकर डायग्नोस्टिक तथा अनुसंधान कार्यों पर साथ काम करें। यह एमओयू डिजर्टेशन तथा पीएचडी के क्षेत्र में छात्रों के लिए लाभदायी साबित होगा। इस अवसर पर सीबीएमआर से प्रो। नीरज सिन्हा, डीन, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। दिनेश कुमार तथा डॉ। रोली शर्मा, प्रो। नंदलाल, डॉ। सोनी गुप्ता, डॉ। रंजना, डॉ। आलोक पांडे, डॉ। आखिलेंद्र, डॉ। अजय मौजूद रहे।