इंश्योरेंस पॉलिसटी होल्डर्स से 2 करोड़ की ठगी

- इंश्योरेंस की किश्त में 10 से 20 परसेंट छूट का लॉलीपॉप देकर साइबर ठग लोगों को फंसा रहे हैं अपने जाल में

- बर्रा पुलिस ने किया ऐसे ही साइबर ठगों के गिरोह का पर्दाफाश, तीन साल में करोड़ों की ठगी को दिया अंजाम

- ठगों के पास थे 33 से ज्यादा बैंक अकाउंट, वारदात के लिए प्री एक्टिवेटेड सिम का करते थे यूज

kanpur : अगर आप इंश्योरेंस पॉलिसी धारक हैं और आपकी पॉलिसी की किश्त बाकी है। आपके पास कॉल आती है और कॉल करने वाला किश्त में 10 से 20 प्रतिशत तक की छूट देने की बात कहता है। तो सावधान हो जाइए, ये कोई बीमा कंपनी की कॉल नहीं बल्कि साइबर ठगों के गिरोह की कॉल है। ये साइबर ठग यूपी की राजधानी लखनऊ में बैठकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। शहर की क्राइम ब्रांच और बर्रा पुलिस ने साइबर ठगों के एक ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश किया है। जो बीमा की किश्त जमा कराने के नाम पर ठगी कर रहा था।

गैंग का सरगना भी अरेस्ट

पुलिस ने गिरोह के सरगना इटावा निवासी शिवम, दिल्ली निवासी आशीष और अमन, रायबरेली निवासी दो सगे भाई वरुण व करन सिंह और करन शर्मा को अरेस्ट किया है। इनके कब्जे से 6 लैपटॉप, 8 मोबाइल, 55 वोडा के सिम और चार एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। गिरोह के शातिर पुणे, महाराष्ट्र और देहरादून में वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।

बीमा एजेंट की लेते थे मदद

गैंग का हर मेंबर अलग-अलग काम करता था। सरगना शिवम जस्ट डॉयल से नंबर लेकर बीमा एजेंटों से संपर्क करता था। एजेंट से एक रुपया प्रति व्यक्ति के हिसाब से कस्टमर की डिटेल हासिल कर लेता था। एक बार में लगभग 2 से 3 हजार लोगों की डिटेल शातिरों के पास इकट्ठा हो जाती थी। इस डिटेल में नाम और आधार कार्ड की डिटेल भी मिल जाती थी। शिवम 400 से 500 प्री एक्टिवेटेड सिम से ठगी को अंजाम देता था। डिटेल मिलने के बाद काम शुरू होता था दिल्ली निवासी आशीष और अमन का। दोनों कॉल सेंटर में नौकरी करते थे, लिहाजा इंग्लिश अच्छी बोल लेते थे। कॉल कर शिकार को फांस लेते थे और उसे बैंक खाता संख्या देकर रुपए डलवा लेते थे। इसके बाद बाइक से रायबरेली निवासी वरुण और करन सिंह निकलते थे। ये कभी एटीएम बूथ पर खुद नहीं जाते थे बल्कि दो-चार सौ रुपये का लालच देकर किसी राहगीर से रुपए निकलवा लेते थे। इनकी सेटिंग पेट्रोल पंप पर सेल्समैन से भी होती थी। जिसे एटीएम कार्ड देकर स्वैप करा लेते थे और रुपए लेकर नौ दो ग्यारह हो जाते थे। इस ठगी में कॉल कर शिकार को फंसाने वालों को 20 से 25 प्रतिशत कमीशन पर रखा गया। बीते एक महीने में बात कर शिकार फंसाने वाले ठगों के खाते से डेढ़ लाख रुपये बरामद हुआ है।

इस तरह से हुआ गिरोह का पर्दाफाश

बर्रा थाने में 24 मई को अमित गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई कि इंश्योरेंस का प्रीमियम जमा करने के नाम पर 51 हजार की धोखाधड़ी की गई है। सर्विलांस से नंबरों को ट्रेस किया तो आईडी फर्जी निकली। जांच आगे बढ़ी तो टीम को पेट्रोल पंप और कुछ एटीएम बूथ से सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मिल गई। सीडीआर से पूरे गिरोह की जानकारी हो गई। सरगना समेत एक-एक कर छह शातिरों को अरेस्ट कर लिया।

पुलिस टीम ने इंटरस्टेट गैंग का पर्दाफाश किया है। खुलासा करने वाली टीम को 15 हजार रुपये का ईनाम दिया गया है।

सलमान ताज पाटिल, डीसीपी क्राइम