- हाईस्कूल-इंटरमीडिएट के हजारों टॉपर स्टूडेंट्स को नहीं मिल पा रही स्कॉलरशिप

- प्रशासनिक जांच में खुलासा, बैंक एकाउंट की गलत डिटेल भेजने से कंफ्यूजन

- क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को दोषी कॉलेजों और संस्थाओं के खिलाफ कार्यवाही के आदेश

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KANPUR : शैक्षणिक संस्थाओं की लापरवाही का खामियाजा हजारों स्टूडेंट्स को भुगतने को मजबूर हैं। आवेदन के बावजूद जरूरतमंद स्टूडेंट्स को अब तक स्कॉलरशिप नहीं मिल सकी है। अपना हक नहीं मिलने पर स्टूडेंट्स जब आला अफसरों तक पहुंचे तो शैक्षणिक संस्थाओं की कमियों की पर्ते खुलना शुरू हुईं। पता चला कि स्टूडेंट्स की बैंक डिटेल पहुंचाने का जिम्मा जिन हाथों में था, उन्होंने इस काम में घोर लापरवाही बरती है। जानकारी पर प्रशासनिक अफसरों ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को जिम्मेदार संस्थाओं पर कार्यवाही के आदेश जारी किये हैं।

एकाउंट नंबर में गड़बड़ी

सारा मामला दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना से जुड़ा है। हाईस्कूल-इंटर पास करने के बाद यह स्कॉलरशिप स्टूडेंट्स को दी जाती है। डिग्री कॉलेजों में एडमिशन ले चुके हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स को अब तक उनका हक यानि स्कॉलरशिप मिल ही नहीं सकी है।

ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जिन लोगों को स्टूडेंट्स के फॉर्म और बैंक एकाउंट की डिटेल शासन को भेजनी थी। उसमें जमकर लापरवाही बरती गई। समय पर पैसा एकाउंट में नहीं पहुंचा तो स्टूडेंट्स समाज कल्याण विभाग पहुंचने लगे। परेशान होकर अफसरों ने जब पूरे मामले की जांच कराई तो इसका खुलासा हुआ।

डिग्री कॉलेजों में सबसे ज्यादा

स्कॉलरशिप के लिए पात्र स्टूडेंट्स की डिटेल तीन तरह से शासन को भेजी जाती है। पहला खुद स्टूडेंट्स, दूसरा किसी संस्था स्तर से और तीसरा संस्थाओं द्वारा इंटरनेट कैफे से। सबसे ज्यादा खामियां संस्था और डिग्री कॉलेज स्तर पर पाई गईं। जांच में पता चला है कि जिम्मेदारों ने शासन को गलत रिपोर्ट फीड करके ऑनलाइन फॉरवर्ड कर दी। यही नहीं लेटर पैड पर बैंक पासबुक की फोटोकॉपी समेत अन्य जानकारियां भी मुहैया नहीं कराईं। इस कारण स्टूडेंट्स आला अफसरों की चौखट के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

दोषी संस्थाओं को चेतावनी

जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले को बेहद बेहद गंभीरता से लिया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी हर्ष मवार ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी से दोषी संस्थाओं को चेतावनी जारी करने को कहा है। स्टूडेंट्स की सही डीटेल 16 अगस्त तक उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किये हैं। स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर टाइम पर डिटेल नहीं दी गई तो बकाया धनराशि विभागीय रिसीट हेड में जमा करा दी जाएगी। इसकी सारी जिम्मेदारी संबंधित संस्था की होगी। ऐसी संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।

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कैटेगरी स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप अमाउंट फीस

ओबीसी 15.04 35902.47 49831.79

एससी 10.81 40711.5 98218.71

एसटी 0.06 246.28 251.98

माइनॉरिटी 2.23 5959.77 6077.15

जनरल 6.64 25276.12 43211.53

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टोटल 34.78 108096.14 197591.15

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(नोट : स्टूडेंट्स, स्कॉलरशिप अमाउंट और फीस की डिटेल लाख में.)

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अलग-अलग ग्रुप के हिसाब से मिलती है स्कॉलरशिप :

ग्रुप हॉस्टलर डे-स्कॉलर

ग्रुप-क् क्ख्00 भ्भ्0

ग्रुप-ख् 8ख्0 भ्फ्0

ग्रुप-फ् भ्70 फ्00

ग्रुप-ब् फ्80 ख्फ्0

(नोट : स्कॉलरशिप पर मंथ के हिसाब से.)

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वर्जन वर्जन

जिन संस्थाओं को स्टूडेंट्स की एप्लीकेशन व दूसरी डिटेल भेजनी थी। उनके स्तर पर तमाम गड़बडि़यां सामने आई हैं। जिम्मेदारों को निर्धारित समयसीमा में दोबारा से डिटेल अपडेट करने को कहा गया है, जिससे स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप का लाभ मिल सके।

- डॉ। रोशन जैकब, डीएम