- कोरोना काल में दिव्यांगों को राहत देने की तैयारी कर रहा है एलिम्को

- एलिम्को के इंजीनियर उनके घर पहुंच कर उपकरणों को सही करेंगे

- 10 जुलाई से हो सकती है इस नई सर्विस की शुरुआत

- 06 मोबाइल व्हीकल तैयार करा रहा है एलिम्को

- 02 दिन सिटी में अवलेबल रहेंगे मोबाइल व्हीकल

KANPUR: दिव्यांगों के उपकरण खराब हो जाते हैं तो उनके सामने दोहरी परेशानी खड़ी हो जाती है। कभी-कभी दूसरों पर निर्भरता होने की वजह से कई दिन तक उपकरण ठीक नहीं हो पाते। दिव्यांगों के सामने अब यह समस्या आड़े नहीं आएगी। दरअसल, भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) कोरोना संक्रमण के बीच दिव्यांगों को राहत देने की तैयारी कर रहा है। एलिम्को के इंजीनियर उनके घर पहुंच कर उपकरणों को सही करेंगे। डिवाइस और उपकरण गारंटी की अवधि में हैं तो उन्हें फ्री में ठीक किया जाएगा। सर्वि¨सग की सुविधा भी रहेगी।

उज्जैन से होगी शुरुआत

यह व्यवस्था 10 जुलाई से सबसे पहले उज्जैन में शुरू होने जा रही है। संस्थान इसके संचालन के लिए पांच और मोबाइल वाहन खरीदने जा रहा है। एक वाहन 18 लाख की कीमत का पहले ही खरीदा जा चुका है। उसमें दिल्ली से जेनरेटर और अन्य उपकरण असेंबल्ड किए जा रहे हैं। इन उपकरणों की मदद से ट्राईसाइकिल की बैट्री की टे¨स्टग से लेकर कान की मशीन, सेंसर युक्त छड़ी और कृत्रिम अंगों में आ रही दिक्कतों को सही किया जा सकेगा।

कानपुर में होता है प्रोडक्शन

एलिम्को की ओर से दिव्यांगों और सड़क या अन्य किसी तरह के हादसों में जान गवां चुके लोगों के लिए कृत्रिम अंग, व्हील चेयर, ट्राईसाइकिल, मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल, कान की मशीन, सेंसर युक्त छड़ी, स्टूल में परिवर्तित होने वाली बैसाखी, मोबाइल समेत अन्य उपकरण दिए जाते हैं। इन्हें कानपुर के मुख्य कार्यालय के अलावा उज्जैन, भुवनेश्वर, जबलपुर, फरीदाबाद, बेंगलुरु, मोहाली के प्रोडक्शन यूनिट में तैयार किया जाता है। यह उपकरण सरकार और अन्य संस्थाओं के सहयोग से दिव्यांगों को दिए जाते हैं। इसके लिए संस्थान देश के अलग अलग शहरों में कैंप आयोजित करता है।

हेल्पलाइन नंबर जारी होंगे

मोबाइल वाहन किसी भी शहर में दो दिन तक रहेगा। इसकी जानकारी जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय के माध्यम से दी जाएगी। हेल्पलाइन और मोबाइल नंबर भी जारी किए जाएंगे, जिससे लोगों को अधिक से अधिक सहूलियत ि1मल सके।

बड़े कैंप वाले शहरों को पहले

एलिम्को की ओर से पिछले कुछ वर्षों में जहां जहां बड़े कैंप लगाए गए हैं, वहां पर पहले मोबाइल वाहनों को भेजा जाएगा। यह वहां के लाभार्थियों की समस्या को देखेंगे। उनके उपकरणों और कृत्रिम अंगों को सही किया जाएगा।

'' मोबाइल व्हीकल की मदद से दिव्यांग और उनके घरवालों को संस्थान और उनकी अन्य यूनिटों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। इससे काफी मदद मिलेगी। उनकी समस्याओं को मौके पर ही दूर किया जाएगा। 10 जुलाई से सुविधा शुरू हो जाएगी.''

- डीआर सरीन, सीएमडी एलिम्को