-वेडनेसडे से शुरू हो रहा है भाऊपुर से खुर्जा तक डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर, दिल्ली से कानपुर के बीच ट्रकों का लोड हो जाएगा काफी कम

-हर गुड्स ट्रेन रोड पर कम करेगी 1300 ट्रकों के बराबर लोड, 560 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन में आएगी कमी, सड़क हादसे भी कम होंगे

KANPUR : दिल्ली और कानपुर मौजूदा वक्त में देश के सर्वाधिक पॉल्यूटेड सिटी में शुमार हैं। पॉल्यूशन लगातार लोगों की सांसों में जहर घोल रहा है। इस बीच कानपुर के भाऊपुर से खुर्जा के बीच शुरू होने वाला डेडीकेडेट फ्रेट कॉरीडोर, वाहनों से होने वाले पॉल्यूशन को काफी कम कर देगा। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर कार्पोरेशन यानी डीएफसीसी के दावे पर यकीन करें तो फ्रेट कॉरीडोर पर चलने वाली एक मालगाड़ी सड़क से 1300 ट्रकों का लोड कम कर देगी। इस लिहाज से हर साल 560 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आ जाएगी। वहीं कानपुर में भाऊपुर से खुर्जा के बीच 343 किमी के दो टै्रक डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के लिए तैयार किए गए हैं। उसमें चलने वाली सभी ट्रेनों में इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का ही इस्तेमाल होना है, ऐसे में इन ट्रेनों से कोई पॉल्यूशन होगा ही नहीं।

2 घंटे कम होगा ट्रैवल टाइम

वर्तमान में मुगलसराय से वाया कानपुर सेंट्रल दिल्ली तक ट्रेनों की औसत रफ्तार 65 किमी प्रति घंटा तक है। इस ट्रैक की लोड यूटिलाइजेशन कैपेसिटी 160 परसेंट तक है। मालगाड़ी और पैसेंजर ट्रेनें एक ही ट्रैक पर चलने से पैसेंजर ट्रेनें कई जगहों पर फंसती भी हैं। कानपुर से खुर्जा के बीच 343 किमी का डीएफसी तैयार हो चुका है जबकि कानपुर से मुगलसराय के बीच 393 किमी लंबे डीएफसी रूट पर काम चल रहा है। इस पूरे ट्रैक के बन जाने के बाद इस रूट पर पैसेंजर ट्रेनों की टाइमिंग में 2 घंटे तक की कमी आ जाएगी। मालगाडि़यों का लोड कम होने से ट्रेनों की औसत रफ्तार में भी इजाफा होगा।

फैक्ट फाइल-

343- किलोमीटर लंबा, भाऊपुरर(कानपुरर) - खुर्जा फ्रेट कोरीडोर

160 परसेंट- ट्रैक यूटिलाइजेशन कैपेसिटी कानपुर दिल्ली रूट पर

80- मालगाडि़यों का लोड अप- डाउन ट्रैक पर होगा कम

70- किमी प्रतिघंटे फ्रेट कॉरीडोर पर मालगाड़ी की औसत रफ्तार

130- किमी प्रतिघंटे कानपुर नई दिल्ली ट्रैक पर ट्रेनों की मैक्सिमम स्पीड

160- किमी प्रति घंटे तक कानपुर दिल्ली ट्रैक पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने की तैयारी

54- कोविड स्पेशल ट्रेनें अभी चल रही कानपुर दिल्ली रूट पर

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'' मालगाडि़यों का लोड कम होने से कानपुर- दिल्ली ट्रैक पर रफ्तार बढ़ेगी। मालगाडि़यों की कैपेसिटी बढ़ने से सीधे तौर पर सड़क से भेजे जाने वाले माल में कमी आएगी। ''

- अमित मालवीय, पीआरओ नार्थ सेंट्रल रेलवे

फ्रेट लोडिंग से मिला 151 करोड़ रेवेन्यू

नॉर्थ सेंट्रल रेलवे ने इस फाइनेंशियल ईयर में अब तक एक करोड़ टन माल ढुलाई के आंकड़े को पार कर लिया है। इस दौरान जोन ने 151 करोड़ रुपए का रेवेन्यू फ्रेट लोडिंग से जेनरेट किया है। रेलवे बोर्ड मीटिंग में भी इसकी तारीफ बोर्ड चेयरमैन ने की है। एनसीआर के सीपीआरओ की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक सिर्फ नवंबर महीने में ही एनसीआर जोन ने 14.8 लाख तक माल की ढुलाई की है जो नवंबर 2019 के मुकाबले 2.5 परसेंट ज्यादा है।