- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट कानपुर कालिंग वेबिनार में एक्सपर्ट्स ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर दी जानकारी

KANPUR: कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने की भविष्यवाणी एक्सपर्ट्स कर रहे हैं। जिसमें बच्चों पर कोरोना का प्रभाव पड़ने की भी बात है। इसी के चलते बच्चों के कोरोना ट्रीटमेंट को लेकर सुविधाएं बढ़ाने के लिए भी काम शुरू हो गया है। वहीं बच्चों में कोरोना के असर, उसके इलाज और उसकी वैक्सीन इन तीनों सवालों को लेकर अभी ज्यादा स्पष्टता नहीं है। ऐसे में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने अपने कानपुर कालिंग वेबिनार में इस मुद्दे पर बात करने के लिए शहर के जाने माने बालरोग विशेषज्ञों को बुलाया। उनसे अब तक के हाल, तीसरी लहर में बच्चों पर कोरोना के प्रभाव और इलाज को लेकर सवाल किए। इस दौरान डॉक्टर्स ने हमारे रीडर्स के सवालों के भी जवाब दिए।

बच्चों में माइल्ड लक्षण मिले

डॉ। राज तिलक ने जानकारी दी कि कोरोना वायरस की पहली और दूसरी दोनों वेव में बच्चे भी संक्रमित हुए, लेकिन उनमें बेहद माइल्ड लक्षण मिले। वहीं प्रो। यशवंत राव ने कहाकि बालरोग अस्पताल में ही दूसरी लहर में 86 संक्रमित बच्चे भर्ती हुए। इनमें से ज्यादातर बच्चे सामान्य इलाज में ही ठीक हो गए। दो-तीन बच्चे ही गंभीर हुए वह भी रिकवर हो गए।

संक्रमण के बाद बच्चों पर क्या प्रभाव

डॉ। राज तिलक ने यह भी कहाकि कोरोना वायरस जिस तरह से बड़ों में प्रभाव डालता है उसी तरह बच्चों में भी डालता है। उनकी पैथोलॉजी और शरीर के काम करने का तरीका अलग होता है। ऐसे में कई बार एक से डेढ़ महीने में दोबारा बुखार आने, दस्त, चकत्ते पड़ने पर बच्चों को तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिए। वहीं प्रो.अंबरीश गुप्ता ने कहाकि बच्चों में अब एमआईएस-सी की प्रॉब्लम सामने आ रही है। इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

कानपुर में इलाज की क्या व्यवस्थाएं

प्रो.अंबरीश गुप्ता- सिर्फ आईएपी से ही कानपुर में 160 पीडियाट्रिशियन जुड़े हैं। मेडिकल कॉलेज में बालरोग अस्पताल के अलावा प्राइवेट सेक्टर में एक अस्पताल है। बच्चों के लिए एनआईसीयू तो है, लेकिन पीआईसीयू की कमी है। थर्ड वेव को लेकर सरकार की ओर से इन्हें बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।

थर्ड वेव के लिए क्या तैयारियां हैं?

प्राे.यशवंत राव- बालरोग अस्पताल में 116 बेड हैं। इसके अलावा 100 बेड की लेवल-3 स्तर की एक डेडिकेटेट कोविड विंग बच्चों के लिए तैयार कर रहे हैं। जिसमें 50 बेड का पीआईसीयू भी होगा। इसके अलावा 50 बेड की एक लेवल-2 स्तर की फैसेलिटी चाचा नेहरू अस्पताल में भी शुरू होगी।

बच्चों के लिए वैक्सीन कब तक?

प्रो। यशवंत राव - कोरोना की दूसरी लहर में यंगस्टर्स भी इसकी चपेट में आए। सरकार ने भी जो वैक्सीनेशन शुरू किया तो इन बातों का ध्यान रखा। अब थर्ड वेव में बच्चों पर असर की बात है। तो बच्चों पर टीके के ट्रायल चल रहे हैं। उम्मीद है कि एक से दो महीने में वैक्सीन आएगी।

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बच्चे दोनों लहरों में संक्रमित हुए, 1, 2 प्रतिशत बच्चे ही गंभीर हुए। बच्चों में बीसीजी का टीका टी सेल इम्यूनिटी को मजबूत करता है। कोरोना से ठीक होने वाले बच्चों में बाद में बुखार या डायरिया आए तो सावधान रहे।

- डॉ.राज तिलक, सीनियर पीडियाट्रिशियन, पीडियाट्रिक रेस्पेरेटरी मेडिसिन एक्सपर्ट

बच्चों के लिए यह राहत-

- बच्चों पर कोरोना का प्रभाव कम, ज्यादातर में लक्षण भी नहीं आते

- दूसरी लहर में कानपुर में कोरोना से एक भी बच्चे की मौत नहीं

- दूसरी लहर में संक्रमित ज्यादातर बच्चे सामान्य दवाओं से ही हो गए ठीक

- बच्चों में पोस्ट कोविड प्रॉब्लम्स भी बेहद कम

यह सावधानी जरूरी-

- बच्चों की इम्यूनिटी का रखे ध्यान, उन्हें न्यूट्रिशनल फूड खिलाएं

- बच्चा अगर कमजोर, तो पैरेंट्स जरूर लगवाएं वैक्सीन

- बच्चे में लक्षण दिखे तो उसकी कोरोना जांच जरूर कराएं

रीडर्स के ऑनलाइन सवाल-

कोरोना वायरस की थर्ड वेव में बच्चों को कैसे बचाया जाए। किस तरह की सावधानी बरती जाए?

- विकास वर्मा

बच्चों में कोरोना के किस तरह के लक्षण आते हैं। क्या थर्ड वेव में बच्चों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है?

- जफर अहमद

कानपुर में बच्चों के कोविड ट्रीटमेंट में क्या फैसेलिटीज हैं और क्या तैयारियां की जा रही हैं?

- विशाल शुक्ल

बच्चों के लिए कोरोना वायरस से बचाने वाली वैक्सीन कब आएगी। क्या यह कारगर होगी?

- आकांक्षा सिंह

कोरोना से ठीक होने के बाद बच्चों में किस तरह की समस्याएं आ सकती हैं? किन बातों का ध्यान रखे?

- ममता गुप्ता