कानपुर(ब्यूरो)। जीरो पॉल्यूशन वाली एसी ई बसें कानपुराइट्स का फेवरिट ट्रांसपोर्ट मीडियम बन चुकी हैं। लेकिन ई बसों का हाल भी कहीं जेएनएनयूआरएम योजना के तहत एक दशक पहले करीब 300 करोड़ से चलाई गईं सीएनजी बसों की तरह न हो जाए। क्योंकि ई-बसें डेली लाखों रुपए के घाटे पर चल रही हैं। संचालन में खर्च की एक तिहाई भी इनकम नहीं हो पा रही है। इस भारी भरकम घाटे को स्टेट गवर्नमेंट वहन कर रही है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर कब तक? जिस तरह सीएनजी सिटी बसों ने चार-पांच साल में ही दम तोड़ दिया था और एसी लो-फ्लोर बसें डिपो में खड़े खड़े कबाड़ हो गईं। कहीं वही स्थिति ई-बसों की न हो जाए।

50 रुपए प्रति किमी घाटा

केसीटीएसएल के अधिकारियों के मुताबिक एसी ई-बस के संचालन में प्रति किमी 70 रुपए का खर्चा आता है। वहीं पैसेंजर्स से किराए के रूप में होने वाली इनकम 20 रुपए प्रति किमी है। लिहाजा केसीटीएसएल को प्रति किमी 50 रुपए का घाटा हो रहा है। ई-बसों के संचालन हो रहे घाटे को स्टेट गवर्नमेंट से मिलने वाले बजट से पूरा किया जा रहा है। इसके अलावा बसों की इनकम बढ़ाने के लिए अधिकारियों ने भी प्रयास शुरू कर दिए हैं।

अधिकतम 35 रुपए इनकम संभव

केसीटीएसएल के आरएम डीवी सिंह ने बताया कि यह गवर्नमेंट की सर्विस है। जोकि पब्लिक की सुविधा के लिए शुरू की गई है। योजना के शुरुआती दौर में ही 30 रुपए प्रति किमी इनकम प्रस्तावित हुई थी। टारगेट के मुताबिक अभी 20 रुपए प्रति किमी ही इनकम हो रही है। जिसको बढ़ाने के लिए कवायद की जा रही है। इसको बढ़ा कर 25 से 28 रुपए तक लाने का प्रयास किया जा रहा है। जब बसें सभी चक्कर में फुल चलेंगी। तब भी इनकम 35 रुपए प्रति किमी ही होगी।

टाइमिंग की होगी री-शिड्यूलिंग

कानपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के अधिकारियों के मुताबिक बसों की इनकम बढ़ाने के लिए बसों की टाइमिंग की रीशिड्यूलिंग की जा रही है। जिससे किसी भी हालात में सुबह व शाम के दौरान बसें खाली न दौड़ें। वर्तमान में सुबह व शाम के समय बसें खाली चलती हैं। यहीं कारण है कि टारगेट के मुताबिक बसों से इनकम कम हो रही है। इनकम बढ़ाने के लिए सुबह व शाम को विभिन्न रूटों पर बसों के चक्कर को भी कम किया जाएगा।

इनकम बढ़ाने को बढ़ाएंगे दायरा

अधिकारियों के मुताबिक ई-बसों में अधिक से अधिक कानपुराइट्स सफर करे। इसके लिए सिटी के विभिन्न रूटों के नए इलाकों को चिन्हित कर उनको कवर करने की प्लानिंग बन रही है। सिटी के विभिन्न 11 रूटों में चलने वाली बसों को नए दो दर्जन से अधिक इलाकों को कनेक्ट कर संचालित किया जाएगा। जिससे बस को अधिक से अधिक पैसेंजर्स मिल सके और कंपनी की इनकम में भी इजाफा हो सके।

जेएनएनयूआरएम सीएनजी बस प्रोजेक्ट

300 करोड़ रुपए का था पूरा प्रोजेक्ट

50 परसेंट सेंट्रल गवर्नमेंट की भागेदारी

20 परसेंट स्टेट गवर्नमेंट की भागेदारी

15 परसेंट केडीए की भागेदारी

15 परसेंट नगर निगम की भागेदारी

30 लो फ्लोर बसें डिपो में खड़ी हो गई थीं

300 सीएनजी बसें कानपुर आई थी

270 सीएनजी बसें नॉन एसी, 30 एसी

एसी ई-बस सर्विस

100 करोड़ का है पूरा प्रोजेक्ट

100 ई-बसें कानपुर को मिलीं

98 बसें चल रहीं, दो थाने में खड़ी

13 विभिन्न रूटों पर हो रहा संचालन

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- 70 रुपए प्रति किमी खर्चा आता संचालन में

- 20 रुपए प्रति किमी ही इनकम हो पा रही है

- 50 रुपए प्रति किमी का घाटा उठाना पड़ रहा

- 30 रुपए प्रति किमी इनकम करने की कवायद

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ई-बसों के संचालन में खर्च के मुताबिक इनकम कम हो रही है। इसको बढ़ाने के लिए बसों की टाइमिंग की रीशिड्यूलिंग करने के साथ सुबह व शाम के चक्कर भी कम किए जाएंगे। बिना टिकट पैसेंजर्स सफर न करने पाएं, इसके लिए विभिन्न रूटों पर चेकिंग के लिए स्टाफ तैनात कर दिया गया है।

डीवी सिंह, आरएम, केसीटीएसएल