- कोविड प्रोटोकाल तोड़ रहे लोगों से खाकी ने वसूले 1.75 करोड़ रुपए

- घनी आबादी वाले इलाकों में लगातार ड्रोन से हो रही है निगरानी

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KANPUR : सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोविड प्रोटोकाल का पालन न करने वालों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। मास्क नहीं लगाए 1.26 लाख लोगों पर कार्रवाई की गई है। इन लोगों से लगभग पौने दो करोड़ रुपए का जुर्माना वसूल किया गया है। आबादी के हिसाब से देखा जाए तो जिले का हर 38वां व्यक्ति बिना मास्क के पकड़ा जा चुका है। लगातार बढ़ रही इस संख्या से पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी चिंतित भी हैं।

जागरूक करने का एक तरीका

बाजारों में अधिकांश लोग बिना मास्क के ही खरीददारी कर रहे हैं। कई व्यापारी भी अपनी दुकानों पर मास्क नहीं लगा रहे हैं। इस समस्या पर डीआईजी प्रीतिंदर सिंह का कहना है कि जुर्माना कोई सजा नहीं बल्कि लोगों को जागरूक करने का ही एक तरीका है। उन्हें समझ में आना चाहिए कि यह उनकी जिंदगी बचाने के लिए यह अभियान है। दस रुपए का मास्क लगाकर 100 रुपए जुर्माना देने से बचा जा सकता है। डीआईजी ने बताया कि अब तक शहर के मुख्य बाजारों मुख्य सड़कों व चौराहों पर ही बिना मास्क लगाए हुए लोगों का चालान हो रहा था।

संकरी गलियों में ड्रोन से निगरानी

अब ड्रोन के जरिए मोहल्ले के अंदर सकरी गलियों में भी देखा जाएगा कि लोग मास्क लगाकर बाहर निकल रहे हैं या नहीं। ऐसे लोगों का भी चालान होगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि घर से बाहर जब निकले मास्क जरूर लगाएं।

पहली बार 100 रुपए और दूसरी बार 500 रुपए जुर्माना

कोविड नियमों के मुताबिक पहली बार बिना मास्क लगाए पकड़े जाने पर 100 रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा। वहीं दूसरी बार पकड़े जाने पर यह जुर्माना 500 रुपए हो जाएगा। दूसरी बार पकड़े जाने पर पुलिस पूछेगी कि पहले जुर्माना वसूला गया या नहीं। रसीद दिखाइए। रसीद दिखाने पर 500 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।

समारोह में मास्क लगाकर जाएं

डीआईजी ने शहर की जनता से अपील की है कि वे शादी समारोह में शामिल होने के दौरान मास्क का यूज करें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। साथ ही समारोह संयोजक कार्यक्रम स्थल के बाहर सेनिटाइजेशन का इंतजाम रखें। कोशिश करें कि कार्यक्रम जल्दी से जल्दी समाप्त कर दें। जिससे कार्यक्रम में शामिल लोग असुविधा से बच सकें।

- कोविड से बचने के लिए एसओपी जारी की गई है। सभी उसका पालन करें और कोरोना से बचाव करें। चेकिंग में पुलिस का सहयोग करें।

डॉ। प्रीतिंदर सिंह, डीआईजी