आई रियलिटी चेक

टिकट में पैसे लेने के बाद ट्रेनों में प्राथमिक उपचार की सुविधा नहीं

- रिएल्टी चेक में राउकेला-जम्मूतवी एक्सपे्रस, मगध व तूफान एक्सपे्रस में नहीं मिला फ‌र्स्ट एड बॉक्स

-सीमांचल में पेट दर्द से तड़पती रही महिला, सेंट्रल पहुंचने पर केपीएम में कराया गया एडमिट

- सफर के दौरान उपचार न मिलने पर हो चुकी है कई यात्रियों की मौत, रेलवे की बड़ी लापरवाही

KANPUR। अगर आप ट्रेन में सफर करने जा रहे हैं तो लगेज के साथ फ‌र्स्ट एड बॉक्स और जरूरी दवाएं भी जरूर रख लें। क्योंकि ट्रेन के अंदर अगर आपको सर्दी, जुकाम, बुखार पेट दर्द या और कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या आती है तो रेलवे से कोई उम्मीद मत रखिएगा। पैसेंजर्स को सुविधाओं के बड़े-बड़े दावे करने वाले रेलवे की ट्रेनों फ‌र्स्ट एड बॉक्स तक नहीं है। जबकि टिकट के साथ रेलवे यात्रियों से फ‌र्स्ट एड के पैसे भी चार्ज करता है। ट्यूजडे को रेलवे अधिकारियों की इसी लापरवाही का सामना सीमांचल एक्सपे्रस में सफर कर रही महिला यात्री को झेलना पड़ा। अचानक पेट दर्द होने पर ट्रेन के अंदर महिला कोई इलाज नहीं मिला और उसकी हालत नाजुक हो गई।

गार्ड ने खड़े किए हाथ

ट्रेन के सेंट्रल स्टेशन पहुंचने पर डिप्टी एसएस व जीआरपी ने महिला को रेलवे डॉक्टर डीके अवस्थी से प्राथमिक उपचार दिलाकर केपीएम अस्पताल में भर्ती कराया। ऐसी घटनाएं रोजाना विभिन्न ट्रेनों में यात्रियों के साथ होती हैं। रेलवे के दावों की हकीकत जानने आई नेक्स्ट टीम ने ट्यूजडे को सेंट्रल स्टेशन पर आई मगध एक्सपे्रस, उद्यान आभा तूफान व राउकेला-जम्मूतवी डाउन एक्सपे्रस की पड़ताल की। गार्ड के पास पहुंच फ‌र्स्ट एड बॉक्स दिखाने को कहा तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। ट्रेन में फ‌र्स्ट एड देने के लिए दवाएं तो दूर फ‌र्स्ट एड बॉक्स ही गायब था। जब उनसे पूछा गया कि सफर के दौरान किसी यात्री के घायल य बीमार होने पर उसे फ‌र्स्ट एड कैसे देते हैं तो गार्ड का कहना था कि अगले स्टेशन पर उपचार दिलाया जाता है।

अग्निशमन यंत्र हो चुके एक्सपायरी

ट्रेनों में कई बार आग लगने के हादसे हो चुके हैं इसके बाद भी रेलवे अधिकारी अग्निशमन यंत्रों को लेकर बेहद लापरवाह हैं। ट्रेन में अचानक आग लग जाने की स्थिति में आग को नियंत्रण करने के लिए गार्ड व पेंट्रीकार में अग्निशमन यंत्र रखे जाते हैं। ट्यूजडे को जब आई नेक्स्ट टीम उद्यान आभा तूफान एक्सपे्रस के गार्ड कोच में पहुंची तो वहां एक्सपायरी अग्निशमन यंत्र रखे हुए थे, यानि आग लगने की स्थिति में ये उपकरण काम नहीं आएंगे। गार्ड से इस बारे में जब पूछा गया तो उसने जानकारी होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। लेकिन रेलवे की यह चूक हजारों यात्रियों की जान पर भारी पड़ सकती है।

उपभोक्ता फोरम में कर सकते हैं शिकायत

पीआरओ अमित मालवीय ने बताया कि रेलवे बोर्ड के नियमानुसार राजधानी, शताब्दी, एक्सपे्रस व सुपरफास्ट ट्रेनों में सफर के दौरान यात्री के घायल व अचानक बीमार पड़ने पर उसे फ‌र्स्ट एड देने के लिए ट्रेन के गार्ड के पास फ‌र्स्ट एड बॉक्स रखा जाता है। जिसके माध्यम से यात्री सफर के दौरान स्वास्थ्य खराब होने पर प्राथमिक उपचार ले सकता है। वहीं राजधानी व शताब्दी ट्रेनों में यात्रियों को यह सुविधा लेने के लिए ट्रेन के टीएस 'ट्रेन अधीक्षक' से सम्पर्क कराना होता है। इसके एवज में रेलवे आपके टिकट में पैसे भी लेता है। ऐसे में अगर रेलवे आपको ये सुविधा नहीं देता है तो आप उपभोक्ता फोरम में भी शिकायत कर सकते हैं।

कोट

ट्रेनों में फ‌र्स्ट एड बॉक्स हमेशा रहता है। अगर ट्रेनों में फ‌र्स्ट एड बॉक्स नहीं है तो यह गार्ड की बड़ी लापरवाही हैं। इस मामले की मैं जांच करा लेता हूं। लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई अवश्य की जाएगी।

विजय कुमार सीपीआरओ