-सीएसजेएमयू कैंपस में चल रहा है फीस और एडमिशन के नाम पर फ्रॉड करने वाले स्टूडेंट्स का गैंग

-छात्रों का आरोप यूनिवर्सिटी में घूमने वाला रसूखदार दलाल बदन सिंह है सरगना

-उसी ने यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट आदि कोर्सेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के साथ मिलकर फैला रखा है जाल

-दलाल ने छात्र सौरभ विश्वकर्मा और दूसरों ने मिलकर सौ से भी ज्यादा छात्रों से 40 से 50 हजार रुपए की ठगी की

-यूआईईटी के लगभग दो दर्जन स्टूडेंट्स तीन हजार बचाने में 50 हजार गंवा बैठे

-यूनिवर्सिटी प्रशासन की नाक के नीचे धड़ल्ले से चल रही 'फ्रॉड यूनिवर्सिटी'

-एक फ्रॉड करने वाले को स्टूडेंट्स के इशारे पर धर दबोचा अन्य मौके से भाग निकले

KANPUR : सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के अंदर ही एक 'फ्रॉड यूनिवर्सिटी' चल रही है। इस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार से लेकर कर्मचारी तक सभी स्टूडेंट्स ही हैं। और इन्होंने मिलकर प्राफेशनल कोर्स में फीस में छूट का झांसा देकर दूसरे छात्र-छात्राओं को भ्0 लाख रुपए का चूना लगा दिया है। इस फ्रॉड का खुलासा तब हुआ जब सीएसजेएम कैंपस स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर ने चालान पर लगी मुहर और सिग्नेचर को फर्जी करार दे दिया। तब स्टूडेंट्स को ठगे जाने की जानकारी मिली। स्टूडेंट्स ने सतर्कता बरतते हुए पुलिस को साथ में लेकर यूनिवर्सिटी के पास आउट एमबीए स्टूडेंट सौरभ विश्वकर्मा को अरेस्ट करा दिया। इसके बाद आरोपी के खिलाफ क्भ् स्टूडेंट्स ने कल्याणपुर थाने में तहरीर दे दी। फिलहाल ऐसे दो दर्जन स्टूडेंट्स के बारे में ही जानकारी मिली है, जिनके साथ फ्रॉड हुआ है। सूत्रों के अनुसार ये संख्या सौ से ऊपर हो सकती है। इन स्टूडेंट्स में से हर एक फ् हजार बचाने के चक्कर में भ्0भ्ब्भ् रुपए गवां बैठा। ये सभी सीएसजेएमयू के यूआईईटी के छात्र हैं। फ्रॉड गैंग में कथित तौर पर यूनिवर्सिटी के यूआईईटी के दो स्टूडेंट्स भी शामिल हैं। जिसमें कि एक आरोपी विकास पारस के खिलाफ फ्रॉड का मुकदमा दो हफ्ते पहले ही कोहना थाने में दर्ज कराया जा चुका है। यूआईईटी में फ्रॉड का शिकार हुए ज्यादातर स्टूडेंट कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स है, उनसे अगले साल की फीस जमा करके उसी में तीन हजार रुपए बचाने का झांसा देकर फ्रॉड कर दिया गया।

ऑफिसर्स से संपर्क में स्टूडेंट्स

सीएसजेएमयू कैंपस के अंदर चल रही फ्रॉड यूनिवर्सिटी के बारे में सीएसजेएमयू एडमिनिस्ट्रेशन को कोई खबर नहीं है। फ्रॉड का शिकार हुए स्टूडेंट्स ने जिन नामों को खुलासा किया है वह चौंकाने वाले हैं। एक नाम यूनिवर्सिटी में दलाली कर रहे बदन सिंह का है। वो और उसके साथी बाहर से आने वाले स्टूडेंट्स को अपने जाल में फंसाते हैं। यूनिवर्सिटी के कुछ अधिकारियों तक बदन सिंह की सीधी पहुंच है। वो सत्ताधारी दल के कुछ खास लोगों का भी करीबी बताया जा रहा है।

तीन हजार बचेंगे

इलाहाबाद के रहने वाले रणविजय यादव यूआईईटी में कम्प्यूटर साइंस थर्ड इयर का स्टडूेंट्स हैं। रणविजय ने बताया कि बीटेक की फीस भ्फ्भ्ब्भ् रुपए है। फीस यूनिवर्सिटी की ब्रांच बैंक ऑफ बड़ौदा में जमा की जा रही थी। बैच मेट अजय विश्वकर्मा ने बताया कि कुछ लोग फीस कैश जमा करने पर फ् हजार रुपए की छूट दे रहे हैं। लेकिन शर्त यह है कि बैंक में फीस वहीं जमा करेंगे। इस पर अजय विश्वकर्मा को फीस दे दी उसने उसी टाइम हिमांशु खरे और बदन सिंह को भ्फ्भ्ब्भ् रुपए दे दिए। जिस पर इन जालसाजों ने फ् हजार रुपए वापस कर दिए और दो घंटे बाद जमा का चालान लाकर दे दिया।

शिकार की तलाश में था, धरा गया

आवास विकास कल्याणपुर के रहने वाला सौरभ विश्वकर्मा को स्टूडेंट्स ने पुलिस के साथ मिलकर पकड़ लिया। बताया गया कि वो शिकार की तलाश में यूनिवर्सिटी के बाहर ही खड़ा था। इसी बीच एक स्टूडेंट पुलिस को इसकी जानकारी दी तो पुलिस ने मौके से जाकर सौरभ को धर दबोचा। सौरभ के पकड़े जाते ही गिरोह के अन्य मेंबर वहां से फरार होने में कामयाब हो गए।

गैंग मेंबर्स में एमबीए और इंजीनियर

पकड़ा गया सौरभ विश्वकर्मा यूनिवर्सिटी का एमबीए का पासआउट स्टूडेंट है। विकास पारस यूआईईटी मैकेनिकल फाइनल इयर का स्टूडेंट है। अमन सिंह केमिकल थर्ड इयर यूआईईटी का स्टूडेंट है। हिमांशु खरे बीसीए का पासआउट है। विशाल गौतम मैटीरियल साइंस सेकेंड इयर यूआईईटी का स्टूडेंट है। बदन सिंह पर आरोप है कि वह यूनिवर्सिटी मे बाहर से आए लोगों को फंसाकर उनसे मोटी रकम ऐंठता है।

इनकी तो दुनिया लुट गई

रणविजय यादव, अजय विश्वकर्मा, शुभम सिंह, प्रवेन्द्र सिंह, अरुण कुमार सभी स्टूडेंट्स कम्प्यूटर साइंस थर्ड इयर के हैं। इनके अलावा अंकित पांडेय मैकेनिकल इंजीनियरिंग फाइनल इयर, प्रशांत सहगल फाइनल इयर मैकेनिकल, शुभम मैकेनिकल सेकेंड इयर और राम सिंह इलेक्ट्रानिक्स सेकेंड इयर के स्टूडेंट्स हैं। यह सभी स्टूडेंट्स फ्रॉड के शिकार हो गए हैं।

इयर बैक के ठेके में फंस गए

विकास पारस मैकेनिकल फाइनल इयर का स्टूडेंट है। मैटीरियल साइंस के स्टूडेंट अश्विनी कुमार की इयर बैक क्लियर कराने के लिए विकास ने ब्0 हजार रुपए लिए थे। जब बैक क्लियर नहीं हुई तो फिर अश्विनी कुमार ने दो हफ्ते पहले विकास पारस के खिलाफ कोहना थाने में फोर्जरी का मुकदमा दर्ज कराया।

सीएसई थर्ड इयर के स्टूडेंट सुल्तानपुर के रहने वाले विकास ने कहा कि जब अजय विश्वकर्मा, शुभम सिंह ने तीन हजार की बचत के बारे में चर्चा की तो हमने इस लालच में न पड़ने की सलाह दी थी। लेकिन साथी स्टूडेंट्स नहीं माने। यूआईईटी के करीब ख्0 से ख्भ् छात्र इस गिरोह के शिकार हो गए हैं।

'नाम बताया तो अच्छा नही होगा!'

यूनिवर्सिटी के बीबीए, बीसीए, बी फार्मा , इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज के बहुत से स्टूडेंट्स इस गिरोह का शिकार हो गए हैं। यूआईईटी के कुछ स्टूडेंट्स ने नाम न पब्लिश करने की शर्त पर बताया कि गिरोह के जो मेंबर्स अभी अरेस्ट नहीं हुए हैं वह मोबाइल पर स्टूडेंट्स को नाम बताने के लिए धमका रहे हैं। अगर नाम बता दिया तो फिर खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहो।

वर्जन

इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने सौरभ के खिलाफ अप्लीकेशंस दी हैं। उसने स्टूडेंट्स के साथ फ्रॉड किया है। गिरोह के अन्य मेंबर्स के बारे में अभी उससे पूछताछ की जा रही है। तीन हजार के लालच में स्टूडेंट्स फंस गए हैं।

-आलोकमणि त्रिपाठी, थानाध्यक्ष कल्याणपुर

यूआईईटी के स्टूडेंट्स की फीस में फ्रॉड किया गया है। एक को अरेस्ट करा दिया गया है। अगर यूनिवर्सिटीे का कोई स्टूडेंटजांच में आता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्टूडेंट्स ने खुद गलती की है उन्हें किसी को पैसा नहीं देना चाहिए था। पुलिस मैटर की जांच कर रही है।

-सय्यद वकार हुसैन, रजिस्ट्रार