- कैश ट्रे में हाथ लगा निकाल लेते थे पैसा, बैंक को करते थे ट्रांजक्शन फेल होने की शिकायत, इंटर पास युवक अरेस्ट

- 200 से ज्यादा खातों के एटीएम कार्ड के साथ 5 लाख रुपए भी पुलिस ने किए बरामद, 40 लाख रुपए तक की ठगी के आरोप

KANPUR: जालौन में रहने वाले तीन दोस्तों ने इंटरमीडिएट करने के बाद जल्दी कमाई के लिए फ्रॉड और जालसाजी का रास्ता चुना। ऐसा करने के लिए उन्होंने एटीएम को जरिया बनाया। गरीब और जरूरतमंद लोगों के नाम पर खाते खुलवाएं और उन्हें 2-4 हजार रुपए देकर उनके एटीएम कार्ड ले लिए। इसके बाद शुरू किया एटीएम में फ्रॉड का खेल। इस तरह के 200 से ज्यादा एटीएम कार्ड पुलिस ने इनके पास से बरामद किए हैं। साथ ही 5.50 लाख रुपए कैश के साथ 40 लाख रुपए तक के एटीएम ट्रांजक्शन तीनों आरोपी अभी तक कर चुके हैं। वह एक जगह नहीं रुकते थे। दूसरे प्रदेशों में जाकर एटीएम से पैसा निकालते थे।

भागने की फिराक में थे

जालौन निवासी नंद किशोर, प्रमोद कुमार और रवि कुमार को नौबस्ता पुलिस और क्राइम ब्रांच ने नौबस्ता चौराहे से पकड़ा। तीनों शहर छोड़ने की फिराक में थे। एटीएम में ट्रांजक्शन भी वह कानपुर से नहीं बल्कि झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्यप्रदेश जाकर करते थे।

गरीबों के नाम से खुलवाते थे खाता

डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल के मुताबिक तीनों एटीएम के जरिए ठगी करते थे। इसके लिए वह किसी गरीब या जरूरतमंद के नाम पर फर्जी खाता खुलवाते थे। उसमें रकम डलवाने का झांसा देकर उनसे एटीएम कार्ड ले लेते थे। कई बार वह एटीएम कार्ड लेने के लिए उन्हे 2,4 हजार रुपए भी देते थे। तीनों आरोपी एटीएम से कैश निकालने के समय मशीन के कैश शटर को पकड़ कर रखते थे। कैश तो निकल आता था, लेकिन शटर से छेड़छाड़ करने से ट्रांजेक्शन डिक्लाइन का मैसेज आ जाता था। उसके बाद बैंक के टोल फ्री नंबर पर बात करके शिकायत दर्ज करते थे। कि खाते से पैसा कट गया, लेकिन पैसे नहीं आए। इसके बाद बैंक उन्हें पैसे रिफंड भी कर देती थी।

यह काम 6 महीनों से कर रहे

ज्यादा एटीएम कार्ड होने की वजह से वह कार्ड के सीवीवी नंबर में ही एक नंबर जोड़ कर पिन तैयार करते थे। और फिर किसी दूसरे स्टेट में जाकर यह खेल करते थे। पूछताछ में पता चला कि तीनों यह काम 6 महीनों से कर रहे थे। सुनसान और दूर दराज के क्षेत्रों में बने एटीएम को वह निशाना बनाते थे। आरोपियों के पास से मिले बैंक के डेबिट कार्ड जिन खातों के हैं उसमें भी कुल 4 लाख रुपए तक बैलेंस है।