- तीन इंच और गिरा, पुराने पंप बंद करके नए किए गए शुरू

- ¨सचाई विभाग ने बैराज से जल छोड़ने को लिखा पत्र

KANPUR: गंगा का वाटर लेवल लगातार गिर रहा है। संडे से पहले दो इंच तक गिरावट दर्ज की गई थी। अब मंडे को वाटर लेवल तीन इंच और गिर गया। इससे सिटी में रोज होने वाली 21 करोड़ लीटर की सप्लाई पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। वाटर लेवल गिरने से पुराने पंप को बंद करना पड़ा है और नए पंप शुरू किए गए हैं।

कच्चा पानी खींच रहे दो पंप

पांच पंप में एक पंप पहले ही खराब पड़ा है। दो पुराने पंप जलस्तर गिरने के कारण बंद कर दिए गए है। बचे दो नए पंप से पानी खींचा जा रहा है। मंडे को लापरवाही बरती गई और अस्थायी बंधा बनाने का भी काम नहीं शुरू किया गया। अब जलकल विभाग ने ¨सचाई विभाग को बैराज से सप्लाई के लिए जल छोड़ने को कहा है।

पंप भी अब हांफने लगे

अब वाटर लेवल 355.5 फीट रह गया है। इसको लेकर सारी ड्रे¨जग मशीन बालू हटाकर पानी खींचने में लगा दी गयी है। जलस्तर गिरने से भैरोघाट पं¨पग स्टेशन में लगे पंप भी अब हांफने लगे है। जलकल सचिव ने ¨सचाई विभाग के अधिशासी अभियंता जयप्रकाश सिंह को बैराज से भैरोघाट पं¨पग स्टेशन की तरफ जल छोड़ने के लिए कहा है। जलकल के अवर अभियंता रविकांत सिंह ने बताया कि अस्थायी बंधा बनाने का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा। जलस्तर बढ़ाने के लिए ¨सचाई विभाग से कहा है।

और गिरा तो ठप होगी सप्लाई

इससे और गंगा का जलस्तर गिरा तो जलापूर्ति ठप हो जाएगी। ¨सचाई विभाग के अधिशासी अभियंता जय प्रकाश सिंह ने बताया कि बैराज से जलापूर्ति के लिए पानी छोड़ा गया है। जलकल को अस्थायी बंधा बनाना पड़ेगा। जितना पानी बैराज को मिल रहा है उतना ही छोड़ा जा रहा है।

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नाले बंद है फिर भी गंगा दूषित क्यों

गंगा में गिर रहे नाले स्थायी और अस्थायी रूप से बंद है फिर भी गंगा मैली हो रही है। जलकल को दूषित पानी ट्रीट करने के लिए दोगुना केमिकल खर्च करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि नमामि गंगे के तहत जल निगम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 14 दिसंबर 2019 को शहर आगमन से पहले गंगा में गिर रहे सभी स्थायी और अस्थायी रूप से नालों को बंद कर दिया था। खुद प्रधानमंत्री ने बंद नाला सीसामऊ को मौके पर जाकर देखा था। इस दौरान रास्ते में सब नाले बंद थे और बस्तियों से डाला जा रहा पानी भी रोक दिया था। इसके बाद भी गंगा में नाले का पानी मिल रहा है।

गंगा में बढ़ी काई

भैरोघाट पं¨पग स्टेशन के पास से ही जलकल रोज गंगा से बीस करोड़ लीटर कच्च्चा पानी लेता है जब गंगा में गिर रहे सभी नाले बंद है दूषित पानी नहीं जा रही है तो फिर कैसे जलकल को गंगा जल की जांच में नाइट्राइट मिला है। नाइट्राइट दूषित जल में होती है। इसके अलावा गंगा में काई बढ़ गयी है। 30 हैजेन तक गंगा का हराभूरा रंग बढ़ गया है। साथ ही 48 गुना क्लोरीफार्म बैक्टीरिया बढ़ गया है। जलापूर्ति को लेकर जलकल ने दोगुना रसायन और क्लोरीन बढ़ा दी है।

गंगा की मौजूदा स्थिति पर नजर

वाटर लेवल - 355.5 फीट

कलर - 30 हैजेन (हराभूरापन)

नाइट्राइट - 0.02 मिली ग्राम प्रति लीटर

कितनी होनी चाहिए- शून्य

क्लोरीफार्म बैक्ट्रीरियां - 24 हजार (मोस्ट प्रोबेबिल नंबर)प्रति सौ मिली लीटर

होनी चाहिए - पचास हजार (मोस्ट प्रोबेबिल नंबर) प्रति सौ मिली लीटर

पहले खर्च हो रही थी फिटकरी - चार टन

अब खर्च हो रही फिटकरी - नौ टन

क्लोरीन पहले खर्च हो रही थी - 700 किलोलीटर

क्लोरीन अब खर्च हो रही है- 900 किलोलीटर