- आगरा और चंडीगढ़ के बाद कानपुर में शुरु होगी सेमी हाईस्पीड गतिमान एक्सप्रेस

- दिसंबर के पहले हफ्ते में होगा कानपुर -दिल्ली ट्रैक पर सेमी हाईस्पीड ट्रेन का ट्रायल

- ट्रैक के दोनों तरफ बाड़ लगाने, सिग्नलों के अपग्रेडेशन का काम शुरु

- अनुभूति कोच जैसी सुविधाओं से युक्त होंगे गतिमान एक्सप्रेस के कोच, कपूरथला कारखाने में कोच बनाने का काम शुरु

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KANPUR: कानपुराइट्स को नए साल पर सेमी हाईस्पीड गतिमान एक्सप्रेस का तोहफा मिलेगा। देश की पहली सेमी हाईस्पीड 'गतिमान एक्सप्रेस' के अगले माह दिल्ली-आगरा के बीच चलने के बाद रेलवे इसे दिल्ली-कानपुर और दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर शुरु करेगा। अभी रेलवे दिल्ली-कानपुर रुट पर सेमी हाईस्पीड ट्रेन के ट्रायल रन की तैयारी जोर शोर से कर रहा है, जोकि दिसंबर के पहले या दूसरे हफ्ते में हो सकता है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अरूणेद्र कुमार ने संडे को आगरा में इस बात की घोषणा भी कर दी है।

तीन घंटे में दिल्ली

कानपुर-दिल्ली के बीच प्रस्तावित सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलने का मतलब यह होगा कि ब्ख्8 किमी। की दूरी तीन घंटे से भी कम समय में तय होगी। अभी कानपुर दिल्ली रूट पर चलने वाली शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों की टॉप स्पीड क्फ्0 से क्ब्0 किमी प्रतिघंटा ही होती है। सेमी हाईस्पीड गतिमान एक्सप्रेस चलने से दिल्ली से कानपुर के बीच लगने वाला समय लगभग आधा हो जाएगा।

दिसंबर में हाेगा ट्रायल

उत्तर मध्य रेलवे के जीएम पहले ही कह चुके हैं कि कानपुर-दिल्ली रुट पर सेमी हाईस्पीड ट्रेन का ट्रायल रन इस साल दिसंबर में हो सकता है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक दिसंबर के पहले या दूसरे हफ्ते में इस रूट पर ट्रायल रन होना है। इसके लिए टै्रक को चेक कर मजबूत करने का काम चल रहा है, जहां जरुरत पड़ रही है, ट्रैक को बदला भी जा रहा है। इसके अलावा ट्रैक के दोनों तरफ मेड़बंदी भी की जा रही है। साथ ही सिग्नलिंग को भी अपग्रेड किया जा रहा है। सारी तैयारियों को तय समय में पूरा करने की कोशिश की जा रही है। जिससे प्रस्तावित ट्रायल में देरी न हो।

गतिमान एक्सप्रेस में हर सीट पर मिलेगा इंफोटेनमेंट सिस्टम

सेमी हाईस्पीड गतिमान एक्सप्रेस में जो कोच लगेंगे, उनका निर्माण खासतौर पर कपूरथला कोच फैक्ट्री में किया जा रहा है। जर्मन तकनीक से बन रहे एलएचबी टाइप कोचों में हर पैसेंजर सीट पर 8 इंच की स्क्रीन दी गई है, जिसे इंफोटेनमेंट सिस्टम से कनेक्ट किया जाएगा। जिससे पैसेंजर्स को टीवी चैनल देखने से लेकर ट्रेन के बारे में भी सारी जानकारी ि1मल सकेगी।

ट्रैक पर रेल ट्रैफिक को संभालने के लिए तैयार हो रही रणनीति

दिल्ली-हावड़ा ट्रैक को उत्तर भारत में कोल सप्लाई के लिए यूज किया जाता है। इसके अलावा स्टील की सप्लाई का भी यह प्रमुख रूट है। इसके अलावा असम, पश्चिम बंगाल, बिहार झारखंड, उड़ीसा जैसे राज्यों से दिल्ली जाने वाली सभी ट्रेनें कानपुर होते हुए ही जाती हैं, जिसकी वजह से हर पांच मिनट पर कानपुर-दिल्ली ट्रैक पर एक ट्रेन गुजरती है। ऐसे में सेमी हाईस्पीड ट्रेन को चलाने के लिए खाली ट्रैक का इंतजाम कैसे होगा? यह रेल अधिकारियों के लिए बड़ी समस्या है, लेकिन इसके लिए भी योजना तैयार हो रही है। इस समस्या से निपटने के लिए खासकर फर्रूखाबाद, कासगंज रूट होते हुए भी कोयला लदी मालगाडि़यों का परिचालन बढ़ाने की तैयारी है।

कोट-

'कानपुर-दिल्ली रूट पर सेमी हाईस्पीड ट्रेन के ट्रायल की तैयारियां चल रही हैं। सब कुछ सही रहा तो साल के अंत तक इस रूट पर ट्रायल रन किया जाएगा।

- नवीनबाबू, सीपीआरओ, एनसीआर