- बीते दिनों ग्लेशियर टूटने से आई आपदा और कोविड महामारी को देखते हुए उठाया कदम

kanpur : उत्तराखंड के हरिद्वार में 27 अप्रैल तक कुंभ मेला चलेगा। कुंभ मेले का पहला शाही स्नान 11 मार्च थर्सडे को महाशिवरात्रि के दिन है। दुनिया के सबसे अनूठे कुंभ मेले में देश व विदेश आए लाखों श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाएंगे। लेकिन, श्रद्धा के इस महापर्व में शामिल होने के पहले कोविड फ्री का सर्टिफिकेट भी लेना होगा। कोरोना महामारी और उत्तराखंड में आई आपदा को देखते हुए यूपी और उत्तराखंड के बीच वरिष्ठ अफसरों की मीटिंग में ये फैसला लिया गया। बैठक में तय किया गया कि शहर से कुंभ स्नान के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को पहले अपना मेडिकल बनवाना होगा, जिसमें लिखा जाएगा कि वे कोविड फ्री हैं। साथ ही उन्हें कोविड प्रोटोकॉल फॉलो करने का एफिडेविट भी देना होगा।

पुलिस लाइन में बनेगी हेल्पडेस्क

श्रद्धालु को अपनी सारी जानकारी फीड करने के लिए एक हेल्पडेस्क बनाई जाएगी जो पुलिस लाइन या पुलिस ऑफिस में बनाई जाएगी। जहां नाम, पता, मोबाइल नंबर, जाने का साधन, मेडिकल, शहर से प्रस्थान की डेट और वापसी की डेट लिखी जाएगी। साथ ही एक एफिडेविट भी देना होगा। बिना जानकारी दिए अगर कोई श्रद्धालु निकल जाता है तो उसे रास्ते में जिस जिले के बैरियर पर रोका जाएगा। उस जिले में प्रक्रिया पूरी करनी होगी। आखिरी चेक पोस्ट हरिद्वार के चिडि़यापुर में होगा।

हरिद्वार कुंभ 2021 के शाही स्नान

- पहला शाही स्नान : 11 मार्च, थर्सडे, शिवरात्रि

- दूसरा शाही स्नान : 12 अप्रैल, मंडे, सोमवती अमावस्या

- तीसरा मुख्य शाही स्नान: 14 अप्रैल, वेडनसडे, मेष संक्रांति

- चौथा शाही स्नान: 27 अप्रैल, ट्यूजडे, बैसाख पूर्णिमा

कब-कब लगता है कुंभ मेला?

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाला कुंभ मेला करीब 48 दिनों तक चलता है। कुंभ मेले का आयोजन 12 साल में हर 3 साल के अंतराल पर प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में क्रमश: होता है। हरिद्वार में गंगा के तट पर, उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर, नासिक में गोदावरी नदी के तट पर और प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर कुंभ मेले का अयोजन होता है।

शासन के आदेश पर हेल्प डेस्क बनाने के लिए मातहतों को कहा गया है। जल्द ही हेल्प डेस्क बनाकर कुंभ जाने वालों की मदद की जाएगी।

डॉ। प्रीतिंदर सिंह, डीआईजी/एसएसपी कानपुर