कानपुर (ब्यूरो)। हादसे के बाद से जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया। डीएम राकेश कुमार सिंह, सीएमओ डॉ। आलोक रंजन समेत कई पुलिस अफसर मौके पर पहुंच गए। घटनास्थल से घायल स्टूडेंट्स को लाने के लिए जहां रेड एंबुलेंस लगाई गईं वहीं 50 किमी का ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया गया। ट्रैफिक की वजह से बच्चों को अस्पताल पहुंचाने में परेशानी न हो।

इसके लए पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने तत्काल 5 एसीपी और कई थानेदारों को ड्यूटी संभालने की हिदायत दी। एंबुलेंस को एस्कार्ट करने के लिए भी पुलिस वाहनों को लगाया गया। पुलिस को लगातार अलर्ट पर रखा गया। डीसीपी सेंट्रल और दूसरे पुलिस अधिकारी भी हैलट अस्पताल में रहे।


क्या है स्कूल मैनेजमेंट की जिम्मेदारी
स्कूल मैनेजमेंट को देखना था कि व्हीकल की फिटनेस में उनका रजिस्ट्रेशन, प्रदूषण प्रमाण पत्र, फिटनेस प्रमाण पत्र, ड्राइवर का डीएल, ड्राइवर का पुलिस वैरीफिकेशन, वाहन पर मोबाइल नंबर, पुलिस हेल्पलाइन नंबर दर्ज है या नहीं, अग्निशमन यंत्र, वाहन में जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा एवं स्पीड कंट्रोल डिवाइस का होना अति आवश्यक है। बिना इसके अगर व्हीकल संचालित होते मिला तो कार्रवाई तय है। स्कूल मैनेजमेंट को निर्देश भी दिया गया था कि वह आरटीओ से स्कूली वाहनों की फिटनेस कराएं, वरना कार्रवाई होगी। मैनेजमेंट ने वाहनों का फिटनेस करा लिया, लेकिन स्कूल में अटैच प्राइवेट स्कूल वैन ने