कानपुर(ब्यूरो)। कानपुराइट्स के लिए राहत भरी खबर है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशयलिटी हॉस्पिटल में दीपावली के पहले 10 बेड के नए आईसीयू का शुभारंभ करने की प्लानिंग प्रिंसिपल ने बना ली है। डॉक्टर्स के मुताबिक आईसीयू शुरू करने के लिए टीचर्स के अप्वाइंटमेंट करने की प्रक्रिया चल रही है। एक्सपर्ट को अप्वाइंट किया जाएगा। जिससे वहां क्रिटिकल पेशेंट का ट्रीटमेंट होने के साथ ही जेआर भी वहां पढ़ सकेंगे। सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में 10 बेड के नए आईसीयू के शुरू होने से हैलट के आईसीयू में पडऩे वाला लोड भी कम होगा।

न्यूरो व नेफ्रोलॉजी के पेशेंट को राहत

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के नोडल ऑफिसर प्रो। डॉ। मनीष सिंह ने बताया कि कानपुराइट्स की सुविधा को देखते हुए मैनपॉवर, उपकरण व मशीनें जैसे-जैसे उपलब्ध होती जा रही है। वैसे-वैस हॉस्पिटल में विभिन्न सुविधाओं का बढ़ाया जा रहा है। जल्द ही हम लोग हॉस्पिटल में 10 बेड का आईसीयू शुरु करने जा रहा है। जिससे न्यूरो सर्जरी, नेफ्रोलॉजी समेत अन्य गंभीर पेशेंट को काफी राहत मिलेगी।

अधिक क्रिटिकल पेशेंट कर सकेंगे भर्ती

डॉक्टर्स के मुताबिक हैलट में वर्तमान में सर्जरी डिपार्टमेंट के पास 6 बेड का आईसीयू है। वहीं न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में 6 बेड का आईसीयू है। इसके अलावा इमरजेंसी में 10 बेड का आईसीयू हैं। कई बार सर्जरी व न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट में गंभीर पेशेंट आते हैं और आईसीयू में बेड खाली न होने की वजह से पेशेंट का ट्रीटमेंट करने में काफी मुश्किल आती है। सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में 10 बेड का आईसीयू और शुरू हो जाने से इमरजेंसी में आने वाले अधिक से अधिक क्रिटिकल पेशेंट का हम बेहतर ट्रीटमेंट कर सकेंगे।

30 बेड का आईसीयू शुरू होगा

जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी के नोडल आफिसर डॉ। मनीष सिंह ने बताया कि सुपरस्पेशयलिटी हॉस्पिटल में टोटल 30 बेड का आईसीयू शुरू होना है। एक्सपर्ट टीचर्स होने से ही आईसीयू का शुरू होना संभव है। लिहाजा टीचर्स को अप्वाइंट करने की प्रक्रिया चालू है। जैसे-जैसे टीचर्स के अप्वाइंट होंगे। वैसे-वैसे आईसीयू के बेडों की संख्या बढ़ती जाएगी। उन्होंने बताया फिलहाल दीवाली के पहले हम 10 बेड के आईसीयू को शुरू करने की तैयारी में लगे हुए हैं।

डेली ऑपरेशन को आते 50 से अधिक पेशेंट

हैलट व जीएसवीएम के सुपर स्पेशयलिटी हॉस्पिटल में डेली न्यूरो, गैस्ट्रो, नेफ्रोलॉजी, सर्जरी समेत विभिन्न डिपार्टमेंट में ऑपरेशन के 50 पेशेंट आते हैं। वहीं इमरजेंसी में डेली 5 से अधिक केस ऑपरेट के आते हैं। पेशेंट की बीमारी व स्थिति को देखते हुए ऑपरेशन करने का निर्णय लिया जाता है। आईसीयू की संख्या बढऩे से हैलट व सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में डेली अधिक से अधिक ऑपरेशन विभिन्न डिपार्टमेंट के पेशेंट के हो सकेंगे।