- कानपुर पुलिस कमिश्नरेट और आउटर को मिले 2200 होमगार्ड

- पैनिक बटन और पीए सिस्टम को रिपेयर करा कर देंगे सुरक्षा

kanpur: एटीएम बूथ के अंदर लोगों को झांसा देकर कार्ड बदलना और रुपये निकाल लेना, कैश ट्रे में चिमटा फंसाकर शटर रोक लेना और मशीन से रुपये निकाल लेना, कार्ड ट्रे के ऊपर स्किमर लगाकर एटीएम के पिनकोड की जानकारी करना, कैमरा की सेटिंग गड़बड़ कर मशीन से छेड़छाड़ करना आदि। ये सभी वे अपराध हैं जो एटीएम में रुपये भरने वाले और मशीन की थोड़ी जानकारी रखने वालों के बाएं हाथ का खेल है। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक इस तरह के अपराध बीते छह महीने में कानपुर में 190 और यूपी 1065 हुए हैं। कानपुर में बैंकों को लगभग 73 लाख रुपये का नुकसान हुआ, वहीं यूपी में पुलिस आंकड़ों के मुताबिक डेढ़ करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

क्राइम रोकने को बनाया गया ब्लू प्रिंट

कमिश्नरेट बनने के बाद कानपुर को 650 नए पुलिसकर्मी मिले थे। वीकलीऑफ शुरू करने के साथ ही इनकी तैनाती स्पेशल टीमों में कर दी गई। इसके बाद भी साइबर क्राइम को रोकना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती हो गया। आउटर बनने के साथ ही आधी फोर्स आउटर के थानों की तरफ चली गई। पुलिसकर्मियों की इस कमी को दूर करने के लिए शासन के कानपुर कमिश्नरेट और आउटर को 2200 होमगार्ड दिए हैं। जिसमें 1600 होमगार्ड कमिश्नरेट और 600 होमगार्ड आउटर इलाके को ि1दए गए हैं।

जिले में हैं 1250 एटीएम बूथ

जिले में सरकारी और निजी बैंकों के 1250 एटीएम बूथ है। फेस्टिवल सीजन में इन बूथों पर वारदातें बढ़ जाती हैं। इन वारदातों को रोकने के लिए प्री-क्राइम प्लान बनाया गया है। मिलने वाले 2200 होमगार्ड्स को 900 प्वाइंट्स पर तैनात किया जाएगा। ड्यूटी पर तैनाती से पहले इन्हें एटीएम बूथों के अंदर आने और जाने के नियम बताए जाएंगे। जिससे ये आने जाने वालों को सारी जानकारी दे सकें। 900 प्वाइंट्स बनाए गए हैं। जिनमें वे एटीएम बूथ हैं, जहां वारदात हो चुकी है। यानी जो ब्लैक लिस्टेड हैं। इन होमगार्ड को वायरलेस सेट के साथ तैनात किया जाएगा।

वारदातें रोकने में होंगे सहायक

पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने बताया कि एटीएम बूथों के अलावा होमगार्डो की ड्यूटी भीड़-भाड़ वाले बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर भी लगाई जाएगी। जहां ये अपराध रोकने का काम करेंगे। कमिश्नरेट को मिलने वाले 1600 होमगार्डो में 400 महिला होमगार्ड भी हैं। इनकी ड्यूटी थाने से लगाई जरूर जाएगी लेकिन न तो ये पोस्टमार्टम हाउस जाएंगी और न ही बंदियों की ड्यूटी में इन्हें लगाया जाएगा। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि सड़क पर खाकी दिखने से अपराधियों का मनोबल टूटेगा और वे वारदात को अंजाम देने का विचार नहीं करेंगे।

पीए सिस्टम की होगी मरम्मत

शहर में शांति व्यवस्था लागू करने के लिए करीब 10 साल पहले पीए सिस्टम लगाया गया था। इस सिस्टम से फेस्टिवल सीजन और खराब माहौल के दौरान लोगों को शांति बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की जाती थी। रखरखाव न होने से लाखों रुपये का प्रोजेक्ट पानी में चला गया। इसके बाद समय-समय पर इसकी मरम्मत की जाती है और विशेष परिस्थितियों में इसका यूज किया जाता है। सेंट्रली कंट्रोल रूम बनने से पीए सिस्टम का काम बहुत कम हो गया। जरूरत पड़ने पर इसे वाई फाई से जोड़कर काम किया जाता है। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि सभी थानों को एक तार से जोड़ने के लिए पीए सिस्टम लगाया गया था। अब तकनीकी खराबी की वजह से सिस्टम काम नहीं कर रहा है। इसे पूरी तरह से फेस्टिवल सीजन के पहले ठीक कराया जाएगा।

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70 परसेंट पैनिक बटन खराब

शहर में लगाए गए पैनिक बटन की जांच की गई। जिसमें 70 फीसद बटन मेंटिनेंस के अभाव में खराब मिले। पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने इन पैनिक बटनों को सही करने की जिम्मेदारी संबंधित थानेदारों को सौंपी है। फेस्टिवल सीजन के पहले ही पैनिक बटन भी पूरी तरह से ठीक कर लिए जाएंगे। रेलवे स्टेशन और बस अड्डों के आस पास कहीं भी अंधेरा नहीं रहेगा। इन स्थानों पर नगर निगम के अधिकारियों से बात कर हाई मॉस्क लाइटें लगाई जाएंगी।

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एटीएम की सिक्योरिटी और सड़क पर क्राइम रोकने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है। जिसमें पीए सिस्टम और पैनिक बटन भी ठीक कराने का काम होगा।

असीम अरुण, सीपी कानपुर