- सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के मुकाबले यूपी बोर्ड के स्टूडेंट्स के नंबर्स औसतन काफी कम

- इंटर में सबसे ज्यादा नंबर लाने वालों को भी डीयू जैसी यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिलने में होगी परेशानी

KANPUR: सीबीएसई और आईसीएसई के रिजल्ट्स में जहां 12वीं के टॉप स्टूडेंट्स ने 99 परसेंट या फिर उससे ज्यादा नंबर स्कोर किए। वहीं यूपी बोर्ड में 12वीं में टॉप करने वाले स्टूडेंट्स को 93 फीसदी नंबर भी नसीब नहीं हुए। यूपी बोर्ड में स्टूडेंट्स का पासिंग परसेंटेज भले ही पिछले सालों के मुकाबले बढ़ा हो, लेकिन इस बार स्टूडेंट्स को जो नंबर मिले वह बेहद कम हैं। खुद कई स्कूलों ने कम नंबर मिलने की शिकायत की। जिस फार्मूले के आधार पर बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के नतीजे घोषित किए। उससे स्टूडेंट्स के साथ स्कूल प्रबंधन ने भी निराशा जताई। बोर्ड से जुड़े एक बड़े स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि इतने कम परसेंटेज में हमारे टॉपर स्टूडेंट दूसरे बोर्ड के बच्चों के कैसे कंपटीट करेंगे। जितने परसेंटेज नंबर मिले हैं उसके आधार पर डीयू जैसी यूनिवर्सिटीज में एडमिशन पाने में ही मुश्किल होगी। जहां कॉलेजों में एडमिशन के लिए हाई मेरिट लिस्ट जाती है।

इवैलुवेशन का यह फार्मूला

12वीं में स्टूडेंट्स के रिजल्ट्स तैयार करने के लिए उनमें 10वीं के रिजल्ट, 11वीं के रिजल्ट और 12वीं के प्रीबोर्ड नंबर्स को आधार बनाया गया। 10वीं के नंबर के आधार पर 50 फीसदी, 11वीं के नंबर के आधार पर 40 फीसदी और प्री बोर्ड के आधार पर 10 फीसदी नंबर दिए गए। इसी तरह 10वीं के रिजल्ट में बच्चे के 9वीं और 10वीं के प्री बोर्ड नंबरों को आधार बनाया गया। जिसके आधार पर यूपी बोर्ड ने स्टूडेंट्स के रिजल्ट घोषित किए।

बोर्ड के कुल स्टूडेंट्स- 1,04,022

10वीं - 53,552

12वीं - 50,470