कानपुर (ब्यूरो) रक्षा तकनीक और रक्षा उत्पादों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के प्रयास के रूप में रक्षा नवाचार संगठन (डीआईओ) की ओर से उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आइडेक्स) प्राइम कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें आईआईटी कानपुर एक सहयोगी इन्क्यूबेटर होगा। रक्षा मंत्रालय राष्ट्रीय स्तर पर नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने के लिए प्रोजेक्ट्स को डेढ़ करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक स्वीकृति देगा। इसके लिए स्टार्टअप कंपनियों और उनके प्रोडेक्ट का आकलन, निगरानी आदि का जिम्मा आईआईटी के पास होगा। डीआईओ के अपर सचिव संजय जाजू और एसआईआईसी के सह प्रभारी प्रो। अंकुश शर्मा के बीच एमओयू साइन हुआ। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ ङ्क्षसह भी मौजूद रहे।

इन प्रोजेक्ट पर होगा काम
आईआईटी अपनी स्टार्टअप कंपनियों और वैज्ञानिकों के माध्यम से रक्षा क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए काम करेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एडवांस्ड इमेङ्क्षजग, सेंसर सिस्टम, बिग डेटा एनालिटिक्स, आटोनामस अनमैन्ड सिस्टम, सुरक्षित संचार आदि के क्षेत्र में परियोजनाएं शुरू होंगी।

प्राब्लम्स की गई चिन्हित
डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज (डिस्क) के तहत रक्षा बलों, रक्षा संगठनों व रक्षा प्रतिष्ठानों की 44 समस्याओं की पहचान हुई है। छह समस्याओं को पहले दूर करने के लिए स्टार्टअप कंपनियों का चयन किया जा रहा है। इसके साथ ही रक्षा क्षेत्र के उपक्रमों, सैन्य निगमों, भारतीय तटरक्षक बलों, गृह मंत्रालय व उसके अन्य संगठनों की ओर से भी समस्याएं चिह्नित की गई हैं।

आइडेक्स कार्यक्रम देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा। इस कार्यक्रम के तहत चिह्नित समस्याओं और घोषित लक्ष्यों को प्राप्त करने में आईआईटी कानपुर प्रमुख सहयोगी बना है। साझेदारी से संस्थान के बुनियादी ढांचे व अनुसंधान का लाभ रक्षा क्षेत्र को मिल सकेगा। कानपुर आईआईटी के लिए यह बड़ी उपब्धि है।
- प्रो। अभय करंदीकर, निदेशक आईआईटी