- आयुध निर्माणी बोर्ड के ऑफिसर्स के लिए तैयार होगा दो वर्षीय विशेष एमडेस प्रोग्राम

- एशिया में पहली बार शुरू हो रहा कोर्स, टैंक आर्टिलरी गन समेत अन्य ऑ‌र्म्स शामिल

KANPUR : देश के सिक्योरिटी सिस्टम को और मजबूत करने की तैयारी तेज हो गई है। स्वदेश में निर्मित हथियारों को तकनीकी रूप से सशक्त किया जा रहा है। इसके लिए आईआईटी कानपुर ने पहल की है। यहां आयुध निर्माणी बोर्ड के ऑफिसर्स को टैंक, आर्टिलरी गन समेत अन्य एडवांस्ड ऑ‌र्म्स को डिजाइन करने और उसकी टेक्निक डेवलप करना सिखाया जाएगा। उनके लिए विशेष तरह का दो वर्षीय मास्टर ऑफ डिजाइन (एमडेस) प्रोग्राम तैयार होगा। इस संबंध में दोनों संस्थानों के ऑफिसर्स के बीच फ्राइडे को एमओयू साइन किया जाएगा।

क्रैनफिल्ड यूनिवर्सिटी में

यह कोर्स एशिया में पहली बार संचालित किया जाएगा। ऑफिसर्स को अब तक डिजाइन प्रोग्राम के लिए यूके की क्रैनफिल्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना पड़ता था। संस्थान में इस कोर्स की जिम्मेदारी प्रो। नचिकेता तिवारी को मिली है। उन्होंने बताया कि ऑ‌र्म्स डिजाइन के क्षेत्र से संबंधित अनुकूलित एमडेस कार्यक्रम न केवल ऑ‌र्म्स के प्रोडक्शन में शामिल कई आयुध कारखानों के लिए बल्कि निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए भी प्रासंगिक होगा जो हथियार प्रणालियों के क्षेत्र में उद्यम कर रहे हैं।

पढ़ाई अगले साल से शुरू

प्रो। नचिकेता तिवारी के मुताबिक कोर्स की डिजाइन छह महीने के अंदर तैयार हो जाएगी, लेकिन पढ़ाई अगले वर्ष ही शुरू हो सकेगी। यह आम एमडेस प्रोग्राम से अलग रहेगा, जिसको विशेष रूप से आयुध निर्माणी बोर्ड के ऑफिसेस के लिए तैयार किया जाएगा। इसमें उन्हें हथियारों के डिजाइन, उनकी तकनीक, क्षमता, भार क्षमता आदि की जानकारी दी जाएगी। बोफोर्स, हवित्जर समेत अन्य आर्टिलरी गन जैसे जटिल हथियारों की पूरी प्रणाली बताई जाएगी। देश में ही नए हैवी और लाइट वेट टैंक बनाए जा सकेंगे। इन्हें देश के अलग अलग हिस्सों में सुरक्षा के नजरिये से रखना आसान होगा। तीनों सेनाओं के लिए मुफीद रहेंगे।

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शहर में पांच आयुध फैक्ट्री

आईआईटी कानपुर का एमडेस प्रोग्राम देश के डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने में अहम योगदान निभाएगा। वहीं कानपुर स्थित आर्डिनेंस फैक्ट्रीज को भी इसका फायदा मिलेगा। क्योंकि शहर में रक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाली पांच आयुध निर्माणी हैं। इनमें देश की तीनों सेनाओं के लिए जरूरत का अहम साजोसामान बनाया जाता है। जिसमें जवानों की वर्दी, जूते, पैराशूट लेकर स्माल आ‌र्म्स, राइफल और तोप की बैरल आदि हैं।