कानपुर ( ब्यूरो) प्रो। संदीप शुक्ला ने बताया कि कोर्स के दौरान विशेषज्ञ साफ्टवेयर और सिस्टम सुरक्षा को कवर करना बताएंगे, जिसमें कंट्रोल हाइजैङ्क्षकग अटैक, बफर ओवरफ्लो, मेमोरी की सुरक्षा, ब्राउजर बाइपाङ्क्षसग की तकनीक शामिल है। सुरक्षा भेदने का पता लगाने वाले इक्विपमेंट, नेटवर्क रक्षा इक्विपमेंट और प्रोग्राम आधारित उन तकनीक की जानकारी दी जाएगी। जिससे हैकर का भी पता लगाया जा सकता है।

मोबाइल प्लेटफार्म पर
स्टूडेंट्स टीसीपी (ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकाल) व आईपी(इंटरनेट प्रोटोकाल) में सुरक्षा मुद्दों के बारे में जानेंगे.स्टूडेंट्स को मोबाइल प्लेटफार्म में सुरक्षा की तकनीकी सिखाई जाएगी, जिसमें एंड्राइड व आइओएस सुरक्षा माडल, खतरे के माडल, सूचना ट्रैङ्क्षकग, रूटकिट, मोबाइल एप्लिकेशन में खतरे, मोबाइल एप के लिए विश्लेषक, वायरस, स्पाइवेयर, की लागर्स व मैलवेयर शामिल होंगे। साथ ही हार्डवेयर ट्रोजन के खतरों और आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षा के बारे में भी जानेंगे।

प्रोफेशनल कर सकेंगे कोर्स
प्रो। संदीप शुक्ला के मुताबिक सीईएच पाठ्यक्रम नेटवर्क सिस्टम में प्रवेश करने के लिए हैकर्स द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीक में महारत हासिल करने के लिए जरूरी व्यावहारिक प्रशिक्षण देता है। इससे स्टूडेंट्स व प्रोफेशनल लोगों को अपने सिस्टम को मजबूत करने में मदद मिलेगी। एथिकल हैङ्क्षकग कोर्स में ईसी-काउंसिल की ओर से नवीनतम पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है। कोर्स की फीस महज 15 हजार रुपये तय की गई है। इसमें आवेदन के लिए अभ्यर्थी को कंप्यूटर साइंस या इंफार्मेशन टेक्नोलाजी का छात्र या प्रोफेशनल होना जरूरी है, ताकि उन्हें कंप्यूटर प्रोग्राङ्क्षमग की बेसिक जानकारी न देनी पड़े।