कानपुर (ब्यूरो)। देश के डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाने वाला डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और क्वांटम टेक्नोलोजी पर काम कर रहा है। आने वाले समय में डीआरडीओ से निकलने वाली टेक्नोलॉजी इनसे लैैस होंगी। संडे की डीएमएसआरडीई पहुंचे डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ। समीर वी कामत ने कहा कि अगले 10 से 15 साल में इंडिया डिफेंस सेक्टर का वल्र्ड लीडर बनेगा। डॉ। कामत डीएमएसआरडीई में पूर्व राष्ट्रपति डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम की प्रतिमा का अनावरण करने आए थे।

इंडस्ट्री और एकेडमिया एक साथ
डिफेंस सेक्टर के रिसर्च एंड डेवलपमेंट में चैलेंज के क्वेश्चन पर डीआरडीओ चेयरमैन डॉ। समीर ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर के इंवेस्टमेंट से डिफेंस में रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आरएंडडी) का इकोसिस्टम मजबूत होगा। बताया कि यूएसए और चाइना डिफेंस के आरएंडडी सेक्टर में डिफेंस बजट का 10-15 परसेंट इंवेस्ट किया जाता है। जबकि इंडिया में डिफेंस बजट का 5-6 परसेंट इंवेस्ट करते हैैं। उन्होंने कहा कि आने वाले कल में इंडस्ट्री और एकेडमिया के साथ मिलकर काम करना होगा। ऐसा करने से आरएंडडी सेक्टर बेस्ट होगा। ़

2 बिलियन डॉलर का किया एक्सपोर्ट
डीआरडीओ चेयरमैन ने बताया कि इंडिया ने इस साल डिफेंस सेक्टर में 2 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया है, जिसमें डिफेंस प्रोडक्ट और वेपंस शामिल हैैं। आने वाले कल में इंडिया देश में डिफेंस सेक्टर का एक्सपोर्ट लीडर बनेगा। हमारी टेक्नोलॉजी के चलते आज सारा विश्व हमारी ओर देख रहा है। दो बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट जिसका स्पष्ट उदाहरण है। मिसाइल्स के बारे मेें बताया कि इंडिया मेें इस समय सर्फेस टू एयर, एयर टू एयर और क्रूज मिसाइल बन रही हैैं। यह मिसाइल्स अन्य विकसित देशों में बन रहीं मिसाइल की तुलना में समतुल्य हैैं। इसके अलावा हम अग्नि और पृथ्वी के अलावा कई अन्य अपग्रेड मिसाइल्स पर भी काम कर रहे हैैं।

मिसाइलमैन की सबसे प्रतिमा का अनावरण
डीएमएसआरडीई में संडे को पूर्व राष्ट्रपति और इंडिया के मिसाइलमैन के नाम से मशहूर डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम की मूर्ति का अनावरण डीआरडीओ चेयरमैन डॉ। समीर वी कामत और डीएमएसआरडीई के डायरेक्टर डॉ। मयंक द्विवेदी ने किया। यह विश्व में धातु से बनी डॉ। कलाम की सबसे बड़ी प्रतिमा है। डॉ। द्विवेदी ने बताया कि इसका वजन 220 किलो और ऊंचाई 6 फिट है। इसको पीतल से बनाया गया है। बताया कि डॉ। कलाम रिसर्च लीडर थे। यह प्रतिमा रिसर्च करने वालों और साइंस में इंटरेस्ट रखने वालों को इंस्पायर करने का काम करेगी। प्रतिमा को जीटी रोड में डीएमएसआरडीई के गेट पर स्थापित किया गया है।