कानपुर (ब्यूरो)। होली के बाजार में आत्मनिर्भर भारत की झलक दिखाई दे रही है। चीन में निर्मित पिचकारी की बजाय स्वदेशी पिचकारियों से बाजार भरे हुए हैं। बच्चों को चटकीले रंगों वाली कार्टून, बंदूक के आकार वाली पिचकारियां खूब पसंद आ रही हैं।

पिचकारियों की खरीददारी तेज
होली आने में कुछ ही समय रह गया है। ऐसे में बाजार में आकर्षक रंगों व डिजायन वाली पिचकारियों की खरीददारी भी तेज हो गई है। खास बात ये है कि पिचकारियां चीन से आयातित करने की बजाय भारत में ही निर्मित की गई है। आत्मनिर्भर भारत किसी पर निर्भर रहने की बजाय स्वयं आकर्षक, सस्ते व मजबूत उत्पादन बना रहा है। होली के बाजार में सजी आकर्षक पिचकारियां इसका सबूत दे रही हैं।

20 से लेकर 3000 रुपये तक
पिचकारी विक्रेता बताते हैं कि बाजार में 20 रुपये से लेकर 3000 रुपये तक की पिचकारी मिल रही हैं। बंदूकों के आकार वाली छोटी व बड़ी पिचकारी की भी काफी मांग है। मेस्टन रोड स्थित पिचकारी के बाजार से शहर के अतिरिक्त आस-पास के कस्बों से भी लोग खरीदारी करने आ रहे हैं।

गुलाल उड़ाने वाले पटाखे भी
होली के बाजार में गुलाल उड़ाने वाले पटाखों भी बिक रहे हैं। गोल डिब्बे वाले इन पटाखों के फूटने पर अंदर से गुलाल उडक़र हवा को रंगीन कर देगा। एक पटाखे की कीमत 150 रुपये है।

पहले था चीन का दबदबा
होली के बाजार में कोरोना काल से पहले चीन का दबदबा था। अब चीन की नहीं स्वदेश में निर्मित आकर्षण रंगों व डिजायन वाली पिचकारियों का कब्जा है। बच्चों को कार्टून वाली पिचकारियां काफी पसंद आ रही हैं। इसमें स्पाइडर मैन, बैट मैन सहित अन्य कार्टून नायक हैं। इनकी कीमत 170 रुपये से 300 रुपये तक है।