कानपुर (ब्यूरो)। क्षेत्र के उचटी गांव में सोमवार को दुर्लभ बॉर्न प्रजाति का एक घायल उल्लू मिला। ग्रामीणों ने बताया कि सुबह वीरान स्थल पर उल्लू पड़ा था। लोगों ने देखा कि कौवे उल्लू को चोंच मार रहे हैं। ग्रामीणों ने कौवों को भगाया और वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग के कर्मी मौके पर पहुंचे और उसका प्राथमिक उपचार किया। उसके बाद उसे अपने साथ ले गए।
किसानों का मित्र
प्रभागीय वनाधिकारी अनिल तोमर ने बताया कि देश के विभिन्न भागों में बार्न उल्लू को पवित्र माना जाता है। स्वभाव से बार्न उल्लू शर्मिला और शांत होता है। इसकी आवाज सामान्य उल्लू की तरह नहीं होती है। ये किसानों का मित्र होता है और रात में खेत-खलिहान में ही रहता है। अनाज खाने के लिए आने वाले जीव-जंतुओं का शिकार करता है। फसलों को कीट पतंगों से भी बचाता है।

उचटी गांव में रहने वाले सरनदीप सिंह अपने घर के बाहर बैठे थे। उसी समय एक अजीबोगरीब पक्षी उनके चबूतरे पर आ गया। जिसके बाद उस पक्षी को वन विभाग की टीम ने चिडिय़ाघर ले जाकर छोड़ दिया।