- इलेक्शन और कोविड ड्यूटी में लगी पुलिस का फायदा उठाकर आईपीएल में जमकर हो रही सट्टेबाजी

- व्हाट्स एप से किया किनारा, एप और वेबसाइट के हर बाल पर दिए जा रहे भाव, गली-गली फैला नेटवर्क

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KANPUR : आईपीएल मैच को लेकर सट्टा बाजार में लाखों रुपए के दांव रोज लग रहे हैं। लेकिन पुलिस सटोरियों पर लगाम नहीं लगा पा रही है। सूत्रों के मुताबिक सटोरियों ने इस बार अपने ठिकाने और मोबाइल नंबरों के साथ ही बु¨कग का तरीका भी बदल दिया है। अब व्हाट्स एप पर मैसेज या फोन करने की बजाए सीधे सट्टे की वेबसाइट से मैसेजों का आदान-प्रदान किया जा रहा है।

इलेक्शन में पुलिस

कमिश्नरेट लागू होने के बाद अभी पूरी तरीके से पुलिस का डेप्लायमेंट भी नहीं हो पाया था कि पंचायत चुनाव में पुलिस बिजी हो गई। इधर कोविड 19 की सेकेंड वेव की गिरफ्त में आने से तीन दर्जन से ज्यादा पुलिस कर्मी और अधिकारी पॉजिटिव हो गए। इसी बीच आईपीएल शुरू हो गया। सटोरियों की सहालग आ गई। बस फिर क्या था। जंबो 11, चस्का 220, जुबिन 32, दुबई कॉलिंग, मुंबई राजधानी, गोवा फेनी समेत एक दर्जन से ज्यादा साइट पर सट्टेबाज एक्टिव हो गए हैं। इन साइटों के जरिए शातिर सटोरिए अपने बुकी से बुकिंग करा रहे हैं।

पिछले आईपीएल में मिली थी सफलता

पिछले आईपीएल सीजन और उसके बाद पुलिस ने सटोरियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। सितंबर व अक्टूबर में जयपुर में बैठे सट्टा ¨कग सोनू सरदार और उसके सात साथियों के खिलाफ शिकंजा कसकर गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई की थी। आरोपियों से करीब 94 लाख रुपए बरामद हुए थे। इसके बाद फिर कल्याणपुर व काकादेव में छापा मारकर लाखों रुपए के साथ सटोरियों को पकड़ा गया।

नेपाल से ऑपरेट हो रहा था सट्टा

नेपाल से सट्टा लगवाने वाले राजा यादव व उसके दो साथियों को भी पुलिस ने बिठूर व स्वरूपनगर स्थित दो अपार्टमेंट से गिरफ्तार करके जेल भेजा था। उनके पास भी लाखों रुपए बरामद हुए थे। इसके बाद टीम ने रायपुरवा, नौबस्ता और गो¨वदनगर में छापा मारकर दो करोड़ रुपए का सट्टा पकड़ा था।

छोटे सटोरियों तक पहुंची वेबसाइट

सूत्रों के मुताबिक अब सट्टेबाजी के एप और वेबसाइट तमाम छोटे सटोरियों तक पहुंच गए हैं। वह भी आईडी व पासवर्ड खरीद रहे हैं और गली मोहल्लों में सट्टे का दांव लगवा रहे हैं। खास बात ये है कि एप पर ही उपलब्ध कॉ¨लग व मैसेज की सुविधा के जरिए यह खेल हो रहा है। जिससे सर्विलांस पर भी इनकी सुरागरसी नहीं हो पा रही है। मैनुअल मुखबिरों के न होने का फायदा सटोरिए उठा रहे हैं।

सट्टेबाजी की रोकथाम के लिए सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। साइबर सेल टीम और सर्विलांस की मदद से भी कुछ संदिग्धों की जांच की जा रही है। जल्द कार्रवाई होगी।

- सलमान ताज पाटिल, डीसीपी क्राइम