कानपुर (ब्यूरो)। अगर आपके पास किसी अंजान नंबर से वाट्सएप मैसेज आए और पार्ट टाइम या फुल टाइम नौकरी का ऑफर दिया जाए तो अलर्ट हो जाइए। झांसे में कतई न आएं। ये नंबर +1 (819)509-1909 भी हो सकता है या किसी दूसरे फार्मेट में हो सकता है। कॉलर टेलीग्राम एप पर पहले ऑनलाइन नौकरी का ऑफर देंगे, उसके बाद आपको साइबर ठग अपने झांसे में लेंगे। कुछ पैसा देकर पहले आपका विश्वास जीतेंगे और फिर आपसे बड़ी रकम इवेंस्ट कराकर अपने जाल मं फंसाकर ठगी को अंजाम देंगे। ऐसा ही एक मामला शहर में सामने आया जिसमें शातिरों ने 6.46 लाख रुपए की ठगी कर ली।

विदेश में बैठे हैं मास्टरमाइंड
लगातार पैसा जमा करने के बाद भी कुछ वापस न मिलने पर युवक को ठगी की शंका हुई। पीडि़त ने कोतवाली थाने में केस दर्ज कराया था। कोतवाली पुलिस और क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच की। जिन खातों में रकम ट्रांसफर की गई थी, उन सभी को फ्रीज करा दिया गया। क्राइम ब्रांच और पुलिस ने ठगी के इस नए मामले का पर्दाफाश कर जबलपुर निवासी युवक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। इस तरह के गैंग के मास्टरमाइंड ज्यादातर विदेशों में बैठकर ऑपरेट कर रहे हैं।

ये था पूरा मामला
सिविल लाइन्स निवासी नितिन राठी ने साइबर सेल में ऑनलाइन साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराई थी। नितिन ने अपनी शिकायत में बताया कि कुछ लोंगो ने टेलीग्राम एप से सम्पर्क कर एक ऑनलाइन एडवरटाइजिंग कम्पनी माईट्रैवेलवर्क डाटकॉम में ऑनलाइन पार्टटाइम या फुल टाइम काम करने का ऑफर दिया। एक वेबसाइट पर लॉग-इन करके काम शुरू करने के लिए कहा गया। सैलरी भी आनलाइन एकाउंट में आने की बात कही गई। जिसके बाद मुझसे वेबसाइट पर आई-डी बनाने व काम करने के लिए पहले 10,000 रुपये व 19265 रुपये का इन्वेस्टमेंट कराया गया। कुछ दिन बाद मुझे काम पूरा करने के नाम पर लगभग 4500 रुपए रिफंड कर दिए गए।

अलग-अलग टास्क के नाम पर ठगे 6.46 लाख रुपये
पीडि़त ने बताया रकम की वापसी होने पर उन्हें विश्वास हो गया। जिसके बाद अलग-अलग टास्क देकर कुल 6.46 लाख रुपए अलग-अलग बैंक खातों में जमा करा लिए गए। लेकिन कोई रकम वापस नहीं मिली। इसके बाद भी और रुपयों की मांग की गई तो उसे ठगी का अहसास हुआ। जिसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। पीडि़त की तहरीर पर साइबर सेल ने केस दर्ज कर जांच शुरू की गई। क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई करते हुए इन खातों में आए 12 लाख रुपये फ्रीज करा दिए।

पत्नी और साढू के खाते का कर रहा था इस्तेमाल
पुलिस ने लंबी जांच पड़ताल के बाद श्रद्धा कॉलोनी साकेत नगर उखरी रोड थाना कोतवाली जबलपुर निवासी संदीप शर्मा को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि संदीप ने अपनी पत्नी और साढू के खातों का भी इस्तेमाल रकम मंगाने के लिए किया था। पुलिस के मुताबिक संदीप के खिलाफ साउथ डिवीजन बंगलुरू सिटी, सेंट्रल डिविजन बंगलुरू सिटी, क्राइम पुलिस स्टेशन जिला बीदर कर्नाटक, चकेरी और कोतवाली कानपुर में आईटी एक्ट के केस दर्ज हैं।

गिरोह के लोग देश से बाहर बैठ कर रहे ऑपरेट
एडीसीपी मनीष सोनकर ने बताया कि फ्रॉडर्स के कई साथी विदेश में बैठकर कानपुर के बैंक खातों का इस्तेमाल कर वारदातों को अंजाम दे रहे थे। इस पूरे रैकेट में दो भारतीय और कुछ विदेशी लोग भी शामिल हैं, जिनकी जानकारी मिली है। कुछ खाते ऐसे मिले हैं, जिनमें एक-एक महीने में साढ़े पांच करोड़ का लेन-देन हुआ है। शातिरों का गैंग लीडर बिलाल की लोकेशन यूएई में इन दिनों मिल रही है। यानि गैंग देश के बाहर से ऑपरेट कर रहा है। इंडिया में ठगी के लिए उसने एजेंट बना रखे हैं।

ये रखें सावधानी
एडीसीपी मनीष सोनकर ने बताया कि अलर्ट रहकर ही इस तरह की ठगी की वारदातों से बचा जा सकता है। किसी भी हालत में वाट्सएप या टेलीग्राम पर इस तरह के जॉब का ऑफर स्वीकार न करें। किसी भी हालत में किसी अंजान खाते में रकम न डालें। अगर गलती से कहीं रुपये किसी खाते में ट्रांसफर हो जाते हैं तो क्राइम ब्रांच या संबंधित थाने में संपर्क करें। ऑनलाइन 139 पर शिकायत कर सकते हैं।