कानपुर (ब्यूरो)। उर्सला हॉस्पिटल में अब दिल की जांच भी होगी। जिससे हॉस्पिटल के आसपास रहने वाले लोगों को जांच के लिए हैलट और कॉर्डियोलॉजी के लिए चक्कर नहीं लगाने होंगे। शासन की ओर से कार्डियक यूनिट को ट्राप टी मशीन मिली है। ये मशीन माइनर हार्ट अटैक को भी आसानी से पता कर सकती है। इस मशीन को जल्द ही कार्डियक यूनिट में इंस्टॉल किया जाएगा। जिसके बाद पेशेंट को जांच की सुविधा मिलने लगेगी।

डेढ़ से दो हजार में होती जांच
उर्सला हॉस्पिटल के आफिसर्स के मुताबिक, वर्तमान में उर्सला के कार्डियक यूनिट में ट्रोपोनिन टी जांच की सुविधा नहीं थी। शासन की तरफ से ट्रॉप टी मशीन मुहैया हो चुकी है। जिसका लाभ कार्डियक पेशेंट को जल्द मिलने लगेगा। उन्होंने बताया कि चेस्ट पेन की समस्या लेकर आने वाले पेशेंट को ट्रोपोनिन जांच के लिए बाहर भेजा जाता था। जिसके लिए पेशेंट को मजबूरन डेढ़ से दो हजार रुपए खर्च करने पड़ते थे। अब यह सुविधा उर्सला में मिलने लगेगी।

डेली ओपीडी में आते 40 से अधिक पेशेंट
उर्सला हॉस्पिटल में कार्डियक की ओपीडी, नार्मल ओपीडी के साथ चलने की बजाए कार्डियक यूनिट में ही की जाती है। कई बार कार्डियक पेशेंट फिजिशियन के पास पहुंचते है। जिनको कार्डियक यूनिट में भेजा जाता है। कार्डियक यूनिट में डेली 40 से अधिक पेशेंट ट्रीटमेंट व जांच के लिए आते है। जिसमें से 15 से 20 पेशेंट चेस्ट में पेन की समस्या लेकर आते है। जिनका ट्रोपोनिन जांच कराई जाती है।

15 से 20 पेशेंट डेली पहुंचते
उर्सला हॉस्पिटल में हार्ट पेशेंट को ट्रीटमेंट मुहैया कराने के लिए कार्डियक यूनिट खोली गई थी। जिसमें एक कार्डियक स्पेशलिस्ट के साथ आईसीयू टेक्नीशियन व पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती की गई थी। जिसके बाद यह कार्डियक की ओपीडी भी शुरू की गई। लेकिन हार्ट की कई जांच न होने की वजह से पेशेंट को परेशानी होती थी। लिहाजा पेशेंट सीधा हैलट व कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल जाता था। अब उर्सला हॉस्पिटल में भी हार्ट अटैक की स्पष्ट जांच आधुनिक मशीनों से हो सकेगी। डॉक्टर्स के मुताबिक उर्सला में वर्तमान में डेली चेस्ट में दर्द की समस्या लेकर 15 से 20 पेशेंट आ रहे हैं।


क्या होती है ट्रोपोनिन टेस्ट
डॉक्टर्स के मुताबिक, ट्रोपोनिन टी टेस्ट दिल की स्पष्ट जानकारी लेने के लिए कराया जाता है। उन्होंने बताया कि चेस्ट में यानी की दिल के पास दर्द की समस्या लेकर आने वाले पेशेंट का पहले ईसीजी जांच करा हार्ट की स्थिति को जाना जाता है। कई बार माइनर हार्ट अटैक ईसीजी में नहीं आते है। जिसके लिए ट्रोपोनिन टी टेस्ट पेशेंट का कराया जाता है। इसकी आम भाषा में किट की भी जांच बोला जाता है। इस जांच में माइनर से माइनर हार्ट अटैक भी स्पष्ट हो जाता है।