कानपुर (ब्यूरो)। हैलट में अब पेशेंट्स को एक्सरे के लिए कई कई दिन तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा और न प्राइवेट सेंटर जाकर महंगा एक्सरे कराने को मजबूर होना पड़ेगा। क्योंकि एक्सरे की अत्याधुनिक डिजिटल रेडियोग्राफी मशीन आने से अब रोजाना ढाई सौ से अधिक डिजिटल एक्सरे किए जा रहे हैं। वहीं जांच रिपोर्ट भी पेशेंट को पांच से 10 मिनट के अंदर उसके स्मार्ट मोबाइल पर मिल जाती है। रिपोर्ट पेन ड्राइव में भी ले सकते हैं। वहीं सबंधित डॉक्टर के पास भी रिपोर्ट ऑनलाइन पहुंच जाती है। बता दें कि नई मशीन आने से पहले डेली एवरेज 50 एक्सरे ही हो पाते थे। बाकी पेशेंट्स को दूसरे दिन बुलाया जाता था।

माइनर फ्रैक्चर को भी पकड़ सकेगा
डॉक्टर्स के मुताबिक आधुनिक डीआर एक्सरे मशीन से माइनर से माइनर फ्रैक्चर को पकड़ा जा सकेगा। जिससे डॉक्टर्स को भी ट्रीटमेंट करने में आसानी होगी। कुछ दिनों पहले तक हैलट में मैनुअल एक्सरे होने पर पेशेंट को पहले एक्सरे कराने और उसके बाद एक्सरे फिल्म लेने में करीब एक से डेढ़ घंटे तक वेट करना पड़ता था। इस वजह से डेली करीब 40 से 50 एक्सरे हो पाते थे। वहीं बचे हुए पेशेंट की जांच के लिए दूसरे दिन बुलाया जाता था। इस समस्या के समाधान के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो.संजय काला और हैलट के एसआईसी डॉ। आरके सिंह ने डिजिटल रेडियोग्राफी सिस्टम की मांग शासन से की थी जो पूरी हो गई है।

17 से अधिक सिटीज से पेशेंट आते
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। संजय काला ने शासन को प्रस्ताव भेजते हुए कहा था कि हैलट में कानपुर व आसपास के 17 जिलों के पेशेंट ट्रीटमेंट के लिए आते है। रोजाना 250 से 300 पेशेंट के एक्सरे की जरूरत पड़ती है। लिहाजा आधुनिक एक्सरे मशीनों की बेहद जरूरत है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने समस्या की गंभीरता को देखते हुए हैलट हॉस्पिटल में डिजिटल रेडियोग्राफी मशीन की व्यवस्था की। ताकि हॉस्पिटल में आने वाले किसी भी प्रकार के एक्सीडेंटल पेशेंट को एक्सरे कराने में समस्या न हो।
तीन मशीनें आ चुकीं, एक और आएगी

रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। अशोक वर्मा ने बताया कि शासन स्तर से तीन मशीनें डिपार्टमेंट को मुहैया हो चुकी हंै। इनमें से दो मशीन रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट और एक मशीन वार्ड नंबर एक में स्थापित की गई है। जबकि एक और डिजिटल रेडियोग्राफी मशीन आनी है। इस डीआर मशीन की खासियत यह है कि पेशेेंट के मशीन के सामने खड़े होते ही उसकी फोटो सिस्टम में आ जाएगी। जिसके बाद फ्रैक्चर वाले प्वाइंट का एक्सरे एक बटन दबाते ही हो जाएगा।

मैनुअल प्रोसेस में थी यह समस्या

डॉ। अशोक वर्मा ने बताया कि नई मशीनें आने से पहले एक पेशेंट का मैनुअल एक्सरे करने में करीब 10 से 15 मिनट लगते थे। फिल्म निकालकर डॉर्क रूम में ले जाया जाता था। फिर उसके सूखने का काफी देर तक इंतजार किया जाता था। तब जाकर पेशेंट या उनके अटेंडेंट को एक्सरे फिल्म मिलती थी। मैनुअल एक्सरे में कई बार स्थिति पूरी तरह से साफ नहीं आने पर दोबारा एक्सरे की जरूरत पड़ जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। पेशेंट जैसे ही डीआर मशीन के पास जाएगा, उसकी फोटो कंप्यूटर में आएगी। बटन दबाते ही एक्सरे हो जाएगा।

नई एक्सरे मशीनों से ये राहत मिली
- जाचं के लिए लंबी लाइन नहीं लगेगी, दो से तीन दिन की वेटिंग भी नहीं होगी
- जांच रिपोर्ट 10 मिनट के अंदर मिलेगी, एक घंटे तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा
- मजबूरन अधिक पैसा खर्च कर प्राइवेट रेडियोलॉजी सेंटर में जांच नहीं करानी पड़ेगी
- पेशेंट को रिपोर्ट उसके वाट्सएप पर मिल जाएगा, पेन ड्राइव में भी ले सकता है
- बारीक से बारीक फ्रेक्चर भी क्लियर दिख जाएगा, ट्रीटमेंट होगी आसानी
-एक्सीडेंटल केसेस में भी पेशेंट का तुरंत एक्सरे कर ट्रीटमेंट हो सकेगा