कानपुर (ब्यूरो)। अपर जिला जज श्रद्धा त्रिपाठी की कोर्ट ने दहेज हत्या के मामले दोषी को 14 साल कैद और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। महमूद आलम ने थाना स्वरूप नगर में छह दिसंबर 2001 को रिपोर्ट लिखाई थी।

बताया था कि उसने अपनी बेटी शहनाज का विवाह 29 जनवरी 2001 को मुस्लिम रीति-रिवाज से बेनाझाबर निवासी शकील से किया था। शादी के एक माह बाद ही पति शकील, सास महरुलनिशां, ससुर नजीर अहमद, जेठ मो। सिद्दीक दहेज में बाइक, कलर टीवी, फ्रिज, 40 हजार रुपये नकद की मांग कर प्रताडि़त करने लगे।

सबूतों के आधार पर
छह दिसंबर 2001 को सुबह 10 बजे इन लोगों ने जहर देकर बेटी की हत्या कर दी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि पुलिस ने पति, सास व ससुर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। ट्रायल के दौरान नजीर अहमद की मौत हो गई। लगातार गैरहाजिर रहने के कारण महरुलनिशां की फाइल अलग कर दी गई। शकील के खिलाफ ट्रायल शुरू हुआ। मुकदमे में वादी समेत 10 लोगों की गवाही हुई। अदालत ने गवाहों और सबूतों के आधार पर सजा सुनाई।