कानपुर (ब्यूरो)। आपकी हेल्थ रिलेटेड प्रॉब्लम का सॉल्यूशन निकालने के लिए अब डॉक्टर के साथ-साथ इंजीनियर भी खड़े हैं। हो सकता है आपके हेल्थ रिलेटेड प्रॉब्लम का सॉल्यूशन कुछ दिनों बाद एआई के जरिए निकले। यह भी मुमकिन है कि टेलीमेडिसिन में आपकी बात किसी रोबोट से हो रही हो। यह सिर्फ बातें नहीं इन पर काम भी शुरू हो चुका है। साइंस, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में अपनी मजबूत नींव के कारण आईआईटी कानपुर मेडिकल साइंसेज और मेडटेक इनोवेशन में माडर्न रिसर्च करेगा। इस उद्देश्य से, गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (जीएसएमएसटी) में ११ अलग-अलग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए गए हैं। जो प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी बेस्ड सॉल्यूशन डेवलप करने के लिए टेक्नोलॉजी और मेडिकल को जोड़ते हैं। यह सभी सेंटर आईआईटी कैंपस में बन रहे (जीएसएमएसटी) के अंतर्गत काम करेंगे।

कुछ इस तरह से होगा काम
जीएसएमएसटी के अंतर्गत बने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्देश्य मेडिकल प्रॉब्लम्स का सॉल्यूशन ढूंढना है। इसके अलावा टेक्नोलॉजी से जोडक़र हेल्थ सेक्टर को बेस्ट सॉल्यूशन और टेक्नोलॉजी देना है। इस काम में डॉक्टर द्वारा बताई गई प्रॉब्लम्स को इंजीनियर टेक्नोलॉजी के जरिए सॉल्व करेंगे। प्रोडक्ट या टेक्नोलॉजी डेवलप करने में डॉक्टर और इंजीनियर का आपसी योगदान रहेगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में काम शुरू हो चुका है और टेक्नोलॉजी या प्रोडक्ट डेवलप भी हो रहे हैं।

आर्टिफिशियल हार्ट पर काम
जीएसएमएसटी में टेक्नोलॉजी बेस्ड मेडिकल सॉल्यूशन देने में आर्टिफिशियल हार्ट बनाने पर काम चल रहा है। इस हार्ट का नाम हृदयांत्र रखा गया है। यह एक ऐसा हार्ट होगा जो कि किसी भी इंसान के लगाए जाने पर वास्तविक हार्ट की तरह काम करेगा। इस हार्ट का एनिमल ट्रायल चल रहा है जल्द ही रिजल्ट आने की संभावना है।

आईआईटी में हो रहे मेडटेक पर स्टार्टअप
आईआईटी कानपुर में इन सेंटर्स के अलावा मेडटेक पर विशेष जोर दिया जा रहा है। आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर में कई स्टार्टअप ऐसे हैं जो की हेल्थ केयर से जुड़े हुए हैं। इसमें लंग्स की हेल्थ बताने वाला, नाड़ी के जरिए बॉडी की डिसीज और स्टेटस बताने वाले के स्टार्टअप शामिल हैं।