कानपुर (ब्यूरो)। मौसम के बढ़ते तापमान में इंसान तो अपने लिए गर्मी से बचने के लिए कई सारे ऑप्शन निकाल लेता है, लेकिन पेट एनीमल्स आपके भरोसे ही रहते हैं। अगर आप पेट लवर हैं और आपके घर में भी पेट है तो यह खबर आपके लिए इंपॉर्टेंट हो सकती है। वेटरनरी एक्सपर्ट के मुताबिक, पेट एनीमल्स और पशु-पक्षी भी इस भीषण गर्मी का शिकार हो रहे हैं। गर्मी की वजह से उन्हें हाई बीपी हो रहा है। जिससे ब्रेन इंजरी, हाई ग्रेड फीवर, ओवर एक्साइटमेंट व डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम्स हो रही हंै। ऐसे में कई बार पेट ओवर एक्साइटमेंट की वजह से काट भी लेते हंै। लिहाजा, ऐसी गर्मी में अपने पेट की केयरिंग व डाइट में बदलाव करना बहुत जरूरी है। जिससे गर्मी से होने वाली कई बीमारियों से अपने पेट को बचाने के साथ उनको फिट भी रख सकते हैं।

डॉग को हार्ट अटैक और ब्रेन इंजरी

वेटरनरी डॉक्टर कुलदीप गौतम ने बताया कि गर्मी में डॉग में हाई बीपी की समस्या ज्यादा हो रही है। जिससे ब्रेन इंजरी और ओवर एक्साइटमेंट की वजह से आक्रामक भी हो जाते हैं। ऐसे में हमें अपने डॉग को स्वस्थ रखने के लिए उनको ठंडे माहौल में रखने की जरूरत है। डाइट में नॉनवेज की मात्रा कम कर उसको दही, छाछ के अलावा पानी ज्यादा पिलाना चाहिए। जिससे वह डिहाइड्रेशन से बच सकें। इसके अलावा उनको रसेदार फल भी देना चाहिए। गर्मी के मौसम में अपने पेट को अर्ली मॉर्निंग यानी ठंडे मौसम में ही वॉक के लिए बाहर ले जाएं।

कैट का बीपी हाई

वेटरनरी डॉक्टर के मुताबिक, सिटी में लाखों की संख्या में लोगों ने अपने घरों में कैट को पाल रखा है। बीते एक सप्ताह से तापमान अधिक होने की वजह से काफी संख्या में लोग अपनी कैट को ट्रीटमेंट के लिए लेकर आ रहे हैं। जांच में उनमें हाई बीपी, डिहाइड्रेशन, हार्मोनल डिस्बैलेंस की वजह बरताव में बदलाव की देखने को मिला रहा है। ऐसी गर्मी में उनको बाहर ले जाते समय कैट को गीले कपड़े से चारों तरफ से ढक लें। जिससे उनको हीट की प्रॉब्लम न हो। वहीं डाइट में नॉनवेज की मात्रा कम करने के साथ पानी का सेवन अधिक कराएं। और उनको ठंडे मौसम में रखें।


बड्र्स का हो रहा हार्ट फेल

वेटरनरी डॉक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि लोग पैरेट को भी बड़े प्यार से पालते हैं। ऐसी गर्मी में उनके भी स्वस्थ्य में बदलाव देखने को मिलते है। हीट स्ट्रोक की वजह से उनका भी हार्ट फेल होने की खतरा बना रहता है। लिहाजा उनको गर्मी से बचाने के लिए उनके पिंजड़े को गीले कपड़े से ढक कर रखें। दिन में चार बार उस कपड़े को गीला कर पिंजड़े से ढक दें। वहीं उनके पीने के पानी को दिन में चार बार बदल लें। जिससे उसको गर्मी से बचाया जा सके। इसके अलावा उसको फल का सेवन अधिक कराए।


रैबिट के दिल में करता असर

वेटरनरी डॉक्टर्स के मुताबिक, गर्मी की वजह से रैबिट के बर्ताव में भी कई प्रकार के बदलाव देखने को मिलते है। नार्मल दिनों की अपेक्षा वह काफी कम एक्टिव हो जाते हैं और डाइट भी कम कर देते हंै। लिहाजा ऐसी गर्मी से उनको बचाने के लिए ठंडे मौसम में रखने के साथ मौसमी फल, हरी सब्जी व पत्ते दार सब्जी का अधिक सेवन कराना चाहिए। जिससे वह नॉर्मल दिनों की अपेक्षा ज्यादा फिट दिखाई देंगे।

ऐसे रखें अपने पेट का ख्याल
डाइट पर दें ध्यान: गर्मियों के इस मौसम में आप अपने पेट्स को ठंडी तासीर वाले फूड्स दे सकते हैं। ऐसी चीजें खिलाएं जिससे उसके शरीर को ठंडक मिले। फलों में तरबूज़, अंगूर, केला, आदि खिला सकते हैं, लेकिन इसकी मात्रा पर भी ध्यान दें। जानवरों को मीठा खिलाना भी नुकसान करता है। नॉन-वेज में चिकन या मटन जैसी चीज़ें न खिलाएं, ये गर्मी करती हैं। इनकी जगह पोर्क मीट, डक मीट जैसी चीज़ें दी जा सकती हैं।

समय-समय पर नहलाएं: जिस तरह हमें नहाकर गर्मी में ठंडक मिलती है, उसी तरह जानवरों को भी राहत मिलती है। अपने पेट को नियमित रूप से नहलाएं। इससे न सिर्फ उनका शरीर को ठंडक मिलेगी, बल्कि शरीर से गंदगी भी निकलेगी। साफ सुथरा रहने से कई तरह के स्किन इंफेक्शन भी दूर रहते हैं। अपने डॉक्टर से सलाह कर अपने पेट को ज़रूर नहलाएं।

बीमारियों का रखें ख्याल: गर्मी के मौसम में टिक्स, फ्लीज़ जैसे कीड़े जानवरों को परेशान करने लगते हैं। यह टिक्स और फ्लीज़ उन्हें गंभीर रूप से बीमार भी कर सकती हैं। इसलिए टिक्स स्प्रे का इस्तेमाल ज़रूर करें। टिक्स और फ्ली के लिए कई तरह की और भी दवाइयां आती हैं, जिन्हें आप डॉक्टर की सलाह से उपयोग कर सकते हैं।

हाइड्रेशन: गर्मी में जानवरों को भी ज़्यादा प्यास लगती है। ऐसे में उनके लिए ताज़ा ठंडे और साफ पानी का कटोरा हमेशा रखें। समय-समय पर उसे चेक भी करते रहें। इसके अलावा आप उन्हें आइसक्रीम भी खिला सकते हैं, लेकिन इसकी भी मात्रा का ध्यान रखें।

धूप में न ले जाएं: अपने पेट्स को हमेशा सुबह धूप निकलने से पहले घुमाएं और शाम को सूरज ढलने के बाद। इससे वे हीट स्ट्रोक से बचेंगे। गर्मी में उन्हें लंबी वॉक भी न कराएं। कोशिश करें कि वॉक पर अपने साथ पेट के लिए पानी भी रखें।