कानपुर (ब्यूरो)। हाथों में ग्लब्स, चेहरे पर फेस कवर, पूरी बॉडी ढकी हुईयह अजब-गजब डेसिंग सेंस इन दिनों कई कानपुराइट्स का है, जो किसी शौक के चलते नहीं, बल्कि भीषण गर्मी से बचने के लिए ऐसा कर रहे हैं। दरसअल, सैटरडे से नौतपा की शुरुआत हो गई है, जो दो जून तक रहेगा। माना जाता है कि इन दिनों जबरदस्त गर्मी होती है। पहले दिन की बात करें तो मैक्सिमम टेंपरेचर 41.8 डिग्री सेल्सियस तक रहा। जबरदस्त तपिश व उमस के कारण पसीना पानी की बहता रहता। इसी बीच सिटी की रोड्स पर गर्मी से बचाव के लिए कुछ लोग स्पाइडर मैन की तरह नजर आए। आंखों में चश्मा, सिर में टोपी, हाथों में ग्लब्स, चेहरे पर फेस कवर। इन सब प्रोडक्ट्स का यूज वह खुद को गर्मी से बचाने के लिए कर रहे हैैं। वहीं, जबरदस्त तपिश ने इन सभी प्रोडक्ट्स की डिमांड को भी बढ़ा दिया है। डिमांड बढ़ती देख इन प्रोडक्ट्स के रेट भी बढ़ गए हैैं।

सनस्क्रीन की बढ़ी डिमांड
सूरज की तपिश से स्किन को बचाने के लिए घरों से निकलने से पहले लोग सनस्क्रीन क्रीम का यूज कर रहे हैैं। ऐसे में इन दिनों मार्केट में कास्टमेटिक कंपनी और मेडिकेटेड सनस्क्रीन की डिमांड जोरों पर है। पीरोड में एक कास्मेटिक शॉप के ओनर ने बताया कि डेली 30-35 सनस्क्रीन बिक रही हैं। इनकी दाम की बात करें तो मिनिमम 100 रुपए से शुरुआत है। इसके अलावा होमियोपैथिक और अन्य मेडिकेटेड क्रीम भी डिमांड पर हैैं।

स्टाइलिश कैप
सिर को धूप से बचाने के लिए यूथ की ओर से स्टाइलिश कैप और गमछे की डिमांड की जा रही है। कॉटन की कलर्ड या डेनिम फैब्रिक की टोपी की डिमांड भी जोरों पर हैै। खरीदने वालों कि सबसे पहली डिमांड पसीना सोखने वाला फैब्रिक है। नार्मल कैप की कीमत 150-400 के बीच है। वहीं, गमछे में सफेद रंग या चेक वाला गमछा डिमांड में है। गमछे की बात करें तो अच्छे फैब्रिक वाले की कीमत 100-150 रुपए के बीच है।

जमकर बिक रहे ग्लब्स और फेस कवर
गर्मी से खुद के चेहरे और हाथों के बचाने के लिए लोग ग्लब्स और फेस कवर का यूज कर रहे हैैं। ग्लब्स में स्किन कलर या स्पोट्र्स ग्लब्ज डिमांड में है। इनकी कीमत की बात करें तो 50 से लेकर 200 रुपए तक हैैं। वहीं फेस कवर में प्रिंटेड और सिंगल कलर वाले की डिमांड है। क्वालिटी के अनुसार इनकी कीमत 40 से 100 रुपए के बीच में है।

ब्लैक और मरकरी वाला चश्मा
आंखों को गर्मी से बचाने के लिए चश्मे को सबसे आसान प्रोडक्ट माना जाता है। चश्मा कारोबारियों ने बताया कि इस समय ब्लैक और मरकरी वाले चश्मे की डिमांड सबसे ज्यादा है। कस्टमर की कोशिश है कि ऐसा चश्मा लिया जाए जो कि सूरज की किरणों को आंखों तक न पहुंचने दे। नार्मल चश्मे की बात करें तो यह 150-500 रुपए के बीच हैै।

कब लगता है नौतपा?
हर साल सूर्य 15 दिनों के लिए रोहिणी नक्षत्र में गोचर करता है और इन्हीं 15 दिन के शुरुआती नौ दिनों को नौतपा कहा जाता है। नौतपा के नौ दिनों में सूर्य और पृथ्वी आमने-सामने होते हैं। जिसे नौतपा कहा जाता है।

क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र
च्योतिष शास्त्र का मानना है कि रोहिणी तपती है तो उस समय हवा, तूफान, आंधी व बादल आते हैं। हालांकि हमेशा ये देखने को मिलता है कि नौतपा में कम से कम हल्की बारिश तो जरूर होती है और आखिरी दो दिनों तक आंधी-तूफान और बारिश की संभावनाएं बनने लगती है।

नौतपा के 9 दिनों में क्या करें?
-नौतपा में तेज गर्मी होती है, इस दौरान सूर्य की आराधना करें व सुबह जल्दी उठकर सूर्य देव को जल अर्पित करें। ऐसा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस दौरान आप घर पर रहकर ही भगवान की आराधना करें।
-नौतपा में आदित्य हृदय स्रोत का पाठ करना भी फायदेमंद माना जाता है। नौतपा के दौरान सूर्यनारायण की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।
-ऐसे में ठंडी चीजों का सेवन करें। पानी, छाछ, दही, नारियल पानी और नींबू का सेवन लाभकारी माना जाता है।