- पॉल्यूशन के बढ़े ग्राफ के साथ बढ़ी सीओपीडी पेशेंट्स की मौत की संख्या, हैलट इमरजेंसी में ही एक हफ्ते में 10 से ज्यादा पेशेंट्स की मौत

KANPUR:सिटी में बढ़े पॉल्यूशन की वजह से सांस और लंग्स से रिलेटेड पेशेंट्स की प्रॉब्लम बढ़ गई है। खास तौर से क्रोनिक लंग्स डिजीज वाले पेशेंट्स की तो जान पर बन आई है। एक हफ्ते में ही एलएलआर हॉस्पिटल की इमरजेंसी में इलाज के दौरान 10 से ज्यादा पेशेंट्स की मौत हो गई। क्रोनिक ऑब्सट्रेटिव लंग्स डिजीज के पेशेंट्स क्रिटिकल कंडीशन में लगातार एमएल चेस्ट हॉस्पिटल और एलएलआर हॉस्पिटल की इमरजेंसी में एडमिट हो रहे हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक अस्थमा और सीओपीडी के पेशेंट्स शॉक की कंडीशन में आ रहे हैं। मेडिसिन डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। बृजेश कुमार ने बताया कि सांस और लंग्स डिजीज वाले पेशेंट काफी सीरियस कंडीशन में आ रहे हैं। खांसी, गले और चेस्ट में इंफेक्शन वाले पेशेंट्स भी बढ़े हैं।

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पॉल्यूशन में नंबर-3 पर

सिटी में पॉल्यूशन का ग्राफ सैटरडे को फिर चढ़ गया। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एयर क्वालिटी इंडेक्स में कानपुर में पीएम2.5 का स्तर 396 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया। जोकि मानक से 6 गुना से भी ज्यादा है। 104 शहरों के इस इंडेक्स में कानपुर तीसरे नंबर पर रहा। कानपुर से ज्यादा पॉल्यूशन पटना और मुजफ्फरपुर में दर्ज किया गया।

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कानपुर स्मार्ट सिटी कंट्रोल एंड कमांड सेंटर का डाटा-

पीएम2.5 का लेवल रात 7.30 बजे-

झांसी हाईवे-500

कानपुर गंगा पुल-500

मैनावती मार्ग-500

जाजमऊ पुरानी चुंगी-500

पीएसी मोड़-452

चकेरी स्टेशन रोड-448

रामगोपाल चौराहा-445

गोल चौराहा-442

ग्रीनपार्क चौराहा-441

भैरोघाट-439

संगीत टाकीज चौराहा-413

नोट -सभी आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में, पीएम2.5 का मानक स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर है।