कानपुर (ब्यूरो)। पनकी में बार बार रेलवे क्रॉसिंग्स बंद होने के कारण लगने वाले ट्रैफिक जाम से परेशानी से बचाने के लिए करीब चार वर्ष पहले ओवर ब्रिज पास हुए। इन्हें बनाने के लिए दो साल वक्त दिया गया था। लेकिन स्टेट ब्रिज कार्पोरेशन की लापरवाही के कारण पुल अब तक कम्प्लीट नहीं हो सके। पुल कंपलीट करने की डेडलाइन दो बार डेड हो चुकी है। इसका खामियाजा लोगों को धूल, रफ रोड्स और ट्रैफिक प्रॉब्लम्स के रूप में भुगतना पड़ रहा है। जबकि आरओबी के लिए अलॉट पूरा बजट भी जारी किया जा चुका है।

गुजरती हैं हजारों गाडिय़ां

पनकी-कल्याणपुर और पनकी-कालपी रोड से हर रोज हजारों की संख्या में छोटी बड़ी गाडिय़ां निकलती है। यही नहीं जीटी रोड से पनकी-कल्याणपुर रोड होते हुए कानपुर- इटावा हाईवे पर भी गाडिय़ों का आवागमन होता है। वैसे ही पनकी, शताब्दी नगर, गंगागंज, रतनपुर, आवास विकास 3 आदि मोहल्लों में लाखों की पापुलेशन रहती है। लेकिन पनकी-कालपी रोड और पनकी-कल्याणपुर दोनों साइड की रोड्स पर क्रॉसिंग के कारण लोगों को मुश्किलों को सामना करना पड़ता है।

दूर-दूर से आते श्रद्धालु

पनकी में ही विख्यात हनुमान जी का पनकी धाम मंदिर भी है। सामान्य दिनों में भी यहां रोजाना बड़ी संख्या में दूर दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मंगलवार और बड़े मंगल आदि दिनों में तो लाखों श्रद्धालु आते हैं। कई ट्रेनों को इसके लिए पनकी धाम स्टेशन में ठहराव भी दिया जाता है। क्रासिंग बंद होने के कारण श्रद्धालुओं को भी पहुंचने में परेशानी होती है। इसी वजह से इन दोनों क्रॉसिंग पर ब्रिज बनाए जाने की लंबे समय से मांग हो रही थी। वर्ष 2020 नवंबर में शासन ने इन दोनों क्रॉसिंग पर ब्रिज बनाए जाने की स्वीकृति दे दी।

पूरी प्रोजेक्ट कास्ट दी

ब्रिज बनाने की जिम्मेदारी स्टेट ब्रिज कार्पोरेशन को दी गई। हालांकि ब्रिज बनाए जाने का काम जून, 2021 में शुरू हो सका। दोनों ब्रिज बनाए जाने की डेडलाइन भी सेम (जून, 2023) रखी गई। ब्रिज जल्दी से बन जाएं, इसके लिए शासन ने करीब दो वर्ष पहले दोनों ब्रिज की प्रोजेक्ट कास्ट भी रिलीज कर दी थी। बावजूद इसके ब्रिज बनाए जाने के काम में लापरवाही जारी रही। यही वजह है कि डेडलाइन तक दोनों ब्रिज नहीं बन सके हैं।

तरह तरह के बहाने बनाते

ब्रिज कार्पोरेशन के ऑफिसर्स ने लेटलतीफी की वजह कोरोना बताकर डेडलाइन बढ़वा कर एक ब्रिज की सितंबर और दूसरे की बढ़ाकर दिसंबर 2023 कर दी। बावजूद इसके अब तक ब्रिज चालू होना तो दूर कम्प्लीट तक नहीं हो सके। मार्च, 2024 की डेडलाइन भी बीत चुकी है। लेकिन ब्रिज अधूरा है। दोनो ही ब्रिज की रोड नहीं बन सकी। एक ब्रिज में अब तक सीढिय़ां और रेलिंग का काम चल रहा है। स्ट्रीट लाइट भी नहीं लगी है।

मुश्किलों का सामना कर रहे लोग

इलाकाई लोगों ने मुताबिक पनकी के दोनों ब्रिज बनाने की जिम्मेदारी ब्रिज कार्पोरेशन की फर्रूखाबाद यूनिट के पास है। इसलिए मनमाने तरीके से काम किया जा रहा है। अक्सर काम बन्द रहता है। ब्रिज बनाने में लेटलतीफी का खामियाजा आसपास के लोगों को ही नहीं श्रद्धालुओं को भी भुगतना पड़ रहा है। खस्ताहाल रोड के कारण से दिनभर धूल उड़ा करती है। जिससे आसपास रहने वाले और दुकानदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी धूल-गर्द के बीच खस्ताहाल सर्विस रोड से गुजरना पड़ रहा है। सर्विस रोड से दोनों साइड की गाडिय़ां गुजरने के कारण अक्सर जाम लग जाता है।