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KANPUR : आजाद हिंद फौज में नेता जी सुभाष चंद्र बोस के साथ लेफ्टिनेंट रहीं कानपुर की मानवती आर्या का फ्राइडे देर रात निधन हो गया। वह काफी दिनों से बीमार चल रही थीं। 99 साल की उम्र में उन्होंने पत्रकारपुरम स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली। फ्राइडे सुबह से ही उनकी हालत बेहद खराब हो चली थी। दोपहर तक डॉक्टर्स ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। देर रात उनकी डेथ हो गई। उनकी डेथ की सूचना होते ही शहर की तमाम हस्तियां उनके घर पहुंचने लगी थी। उनका जन्म म्यामार (उस समय बर्मा) में 30 अक्टूबर 1920 को हुआ था। पति का नाम स्व। कृष्ण चंद्र आर्या है। वे अपने पीछे 2 बेटे और 1 दत्तक पुत्री छोड़ गई हैं। उनका देहदान कानपुर मेडिकल कॉलेज को किया जाएगा।

मानवती ने किया था दावा

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मानवती आर्या का मानना था कि नेता जी की मौत विमान हादसे में नहीं हुई। उन्होंने हमेशा ये दावा किया था कि जापान के रेनकोजी मंदिर में जो अस्थियां रखी हैं उनका डीएनए टेस्ट नेता जी के परिवार के सदस्यों के साथ कराया जाना चाहिए ताकि नेता जी के संबंध में आम जनता की दुविधा खत्म हो सके। फैजाबाद के पास रहने वाले गुमनामी बाबा ही नेता जी सुभाषचंद्र बोस थे। इसके पीछे उनका तर्क था कि फैजाबाद के रामभवन में उनकी घड़ी, सिगार और सिगरेट मिली थीं। बता दें कि आजादी की लड़ाई में बनी आजाद हिंद फौज में मानवती समेत झांसी रेजीमेंट में 12-13 लड़कियां थीं। उन्होंने 15 महीने नेता जी के साथ मोर्चे पर बिताए थे।