कानपुर (ब्यूरो)। अगर आप किसी एटीएम बूथ से रुपये निकालने जा रहे हैैं तो अलर्ट रहें। सावधानी से कार्ड ट्रे में अपना डेबिट कार्ड इनसर्ट करें। कार्ड को ट्रे में इनसर्ट करने से पहले ट्रे हिला डुलाकर देख लें। अगर कार्ड ट्रे जरा भी लूज है तो सावधान रहिए। ये मशीन की फॉल्ट नहीं बल्कि उन शातिर हैकर्स की कारस्तानी है जो आपकी खून पसीने की कमाई पर नजर गड़ाए बैठे हैैं। बीते दिनों नवाबगंज के एक ही एटीएम बूथ पर लगभग 15 लोग लाखों की ठगी का शिकार हो गए। कैश ट्रे में स्किमर और कार्ड रीडर लगाकर ठगी का अंजाम दिया गया।
फॉलो करते रहे इंस्ट्रक्शन, खाली हो गए खाते
साइबर ठगों का कैश ट्रे में स्किमर लगाने का पैैतरा कोई नया नहीं है लेकिन साइबर ठगी की इन वारदातों में एक नई बात सामने आई है। इन वारदातों के पहले साइबर शातिरों ने एटीएम बूथ के अंदर टोल फ्री नंबर की जगह पेपर पर अपना नंबर लिखकर पेस्ट कर दिया था। साथ ही ये नोट भी लिखा था कि अगर कोई परेशानी होती है तो इस नंबर पर कॉल करें। उधर शातिर लोगों की कॉल का ही इंतजार करते रहे। एटीएम कार्ड डालने के बाद समस्या होने पर तुरंत लोगों ने नंबर पर कॉल की। कॉल के दौरान लोग उधर से दिए जा रहे इंस्ट्रक्शन फॉलो करते रहे और उनके खाते खाली होते गए।

इस तरह कर रहे वारदात
नवाबगंज थानाक्षेत्र के आजाद नगर जू कॉलोनी निवासी विनोद कुमार जू में हेड कीपर हैैं। विनोद ने बताया कि उनका बैैंक अकाउंट स्टेट बैैंक ऑफ इंडिया नवाबगंज में है। 2 जून को वह रुपये निकालने के लिए जू के पास स्थित आईसीआईसीआई बैैंक परिसर में लगे एटीएम गए थे। शाम 6 बजे का समय था। विनोद के मुताबिक, कार्ड इंसर्ट करने पर पूरा कार्ड अंदर चला गया। जबकि इसके पहले जब रुपये निकालने के लिए ट्रे में कार्ड इंसर्ट करते थे तो थोड़ा कार्ड बाहर निकला रहता था। ट्रांजेक्शन में असुविधा होने की वजह से कैंसिल किया और कार्ड बाहर निकलने का वेट किया। काफी देर तक कार्ड नहीं निकला तो बूथ में इधर उधर नजर दौड़ाई तो एक कागज पर मोबाइल नंबर लिखा था। साथ में यह भी लिखा था कि अगर कोई परेशानी हो तो इस नंबर पर संपर्क करें।

तीन बार कैंसिल बटन दबाएं
विनोद ने बताया कि दिए गए नंबर पर कॉल की। दो बार में तो कॉल रिसीव नहीं हुई। तीसरी बार में कॉल पिक हो गई। दूसरी तरफ से आवाज आई कि बताइए मैैं आपकी क्या सहायता कर सकता हूं। कार्ड ट्रे में कार्ड फंसने की जानकारी देने पर बताया गया कि कार्ड ट्रे के नीचे एक ग्रीन बटन लगी है, हां कहने पर दूसरी तरफ से तीन बार कैंसिल बटन दबाने के बाद ग्रीन बटन प्रेस करने को कहा गया। इतना करने पर कार्ड तो बाहर आ गया लेकिन दूसरी तरफ से कहा गया कि आपका एटीएम कार्ड 24 घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया गया है। 24 घंटे बाद आप कार्ड पहले की तरह यूज कर सकते हैं।

10 हजार कटने का आया मैसेज
विनोद ने बताया कि रात 9:26 पर उनके मोबाइल पर 10 हजार रुपये कटने का मैसेज आ गया। सुबह जब वे एसबीआई की ब्रांच में शिकायत करने पहुंचे तो पता चला कि उनके एटीएम कार्ड से 48 हजार रुपये निकल गए हैैं, जबकि एटीएम कार्ड विनोद के पास ही था। विनोद के मुताबिक जब वह आईसीआईसीआई बैैंक में शिकायत करने गए तो वहां एक दर्जन से ज्यादा लोग इसी तरह की समस्या लेकर पहुंचे थे। पता चला कि सभी एटीएम हैकर्स का शिकार हुए हैं।

ऑनलाइन की शिकायत
विनोद ने बताया कि वह नवाबगंज थाने में शिकायत करने गए थे लेकिन उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई, इस पर उन्होंने ऑनलाइन कंप्लेन की है। वहीं एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार ने बताया कि उन्हें इस संबंध में जानकारी नहीं है, पीडि़त अगर उनके पास आएगा तो केस दर्ज कर साइबर सेल की हेल्प से कार्रवाई की जाएगी।

एटीएम बूथ में इन बातों का रखें ध्यान
- कार्ड ट्रे में कार्ड इंसर्ट करने के बाद डिटेल तभी पूरी करें जब कार्ड का कुछ हिस्सा बाहर दिखता रहे।
- कार्ड ट्रे अगर हिल डुल रही हो तो कतई कार्ड इंसर्ट न करें, यही स्किमर लगने की पहचान है।
- बैंक हेल्पलाइन नंबर कागज पर लिखकर नहीं चिपकाती है, नंबर लैमिनेटेड पोस्टर पर ही होता है।
- किसी भी तरह की साइबर ठगी की घटना होने पर पहले 1930 पर संपर्क कर शिकायत दर्ज कराएं।
- बूथ में एटीएम का इस्तेमाल तभी करें जब कोई उसके अंदर न हो, एटीएम का गार्ड भी नहीं
- एटीएम बूथ के अंदर किसी अंजान शख्स की हेल्प न लें और न ही उसे अपना एटीएम कार्ड दें
-अगर सीनियर सिटीजन हैं, या कार्ड का यूज करना अच्छे से नहीं पता तो साथ में किसी को ले जाएं
- अगर ठगी हो जाए और एकाउंट से पैसे कट जाएं तो बिना देरी किए अपनी बैंक को सूचना दें
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जितनी जल्दी देंगे जानकारी उतनी रहेगी आसानी
डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि साइबर ठगी होने पर 1930 पर तुरंत जानकारी दें, जितनी जल्दी आप जानकारी देंगे, उतना ही आपकी ठगी हुई रकम सुरक्षित कराई जा सकेगी। इतना करने के बाद साइबर थाने या साइबर सेल या करीबी थाने की साइबर सेल हेल्प डेस्क पर संपर्क करेें। अपनी बैंक को जरूर सूचित करें जिससे बैंक तुंरत उस खाते को सीज कर सके जिसमें ठगी की रकम ट्रांसफर की गई है।