कानपुर (ब्यूरो)। अगर आपने अपने बेटे को मोबाइल फोन दे रखा है तो उसकी मॉनीटरिंग भी करते रहें। अगर उसने मोबाइल यूज करते समय कोई भी फर्जी मैसेज या ऐसा मैसेज बिना सोचे समझे फॉरवर्ड किया, जिससे शहर का माहौल बिगड़ सकता है या किसी का नुकसान हो सकता है तो पुलिस पेरेंट्स पर सख्त एक्शन लेगी। वहीं बच्चा भी बाल सुधार गृह भेजा जा सकता है। पुलिस ने इस तरह के कई मामलों को देखते हुए एसओपी भी जारी कर दी है।

बच्चा जा सकता सुधार गृह
बच्चे के बिना सोचे समझे मैसेज फारवर्ड करने से पुलिस को कई मामलों में बेवजह भागदौड़ करनी पड़ गई। पुलिस का जरूरी समय भी खराब हुआ और स्थिति भी बिगडऩे से बची। इसलिए आप सतर्क रहिए। या तो अपने लाडले से मोबाइल दूर रखिए या उसे समझाइए कि मैसेज को सोच समझ कर ही फॉरवर्ड करे। अगर उसने ऐसा नहीं किया तो आप कानूनी शिकंजे में फंस सकते हैं।

इन मैसेजेस ने बढ़ाया सिरदर्द

1: मामला लखनऊ का, पूलिस छानती रहती शहर
बीते मंडे को एक मैसेज सोशल मीडिया पर तेजी से फ्लो हुआ कि नौबस्ता में कोई व्यक्ति वीडियो बनाने के बाद फांसी लगाने जा रहा है। डीसीपी साउथ के आदेश के बाद पुलिस ने मूवमेंट शुरू किया। डॉयल-112 ने भी तलाश की। देर शाम तक कोई जानकारी नहीं हो पाई। इसे कानपुर कमिश्नरेट से 600 बार फॉरवर्ड किया गया। जब जानकारी नहीं मिली तो जांच की गई। पता चला कि मैसेज लखनऊ के मडिय़ांव थानाक्षेत्र स्थित नौबस्ता का है। जानकारी मिलने पर इसका खंडन सोशल मीडिया पर जारी किया गया, जबकि पूरे दिन की पुलिस की कवायद हो गई।

मौत की खबर फैलने से लोग हुए आक्रोशित
बीते संडे की रात बिजली न आने की वजह से चकेरी के रामपुरम में कुछ लोग घर के बाहर बैठे थे। इसी दौरान दूसरे पक्ष के गाली गलौज का विरोध करने पर मारपीट हो गई। एक पक्ष ने चापड़ से हमला कर दिया। जिसमें सोनू की हालत गंभीर हो गई, उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। ट्यूजडे सुबह से सोनू की मौत की अफवाह सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। देर शाम पुलिस कमिश्नर के घर पर सैकड़ों लोग इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। जानकारी करने पर पता चला कि सोनू उस समय तक जिंदा था। ये मैसेज 437 बार छह जगह से फ्लो हुआ।

3 : 17 जगह से 600 बार फ्लो हुआ मैसेज

गोविंद नगर में संडे रात दो बच्चे डॉग बाइट का शिकार हुए थे। जिसमें एक बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मंडे सुबह से ही दो बच्चों की मौत की खबर सोशल मीडिया पर फ्लो करने लगी। ये मैसेज 600 बार 17 जगह से फ्लो हुआ, जिससे गोविंद नगर में लोग सडक़ पर आ गए, माहौल खराब होता, उससे पहले ही पुलिस ने पीडि़त परिवार को हंगामा कर रहे लोगों के सामने खड़ा कर दिया, किसी तरह से माहौल शांत हुआ।
अक्सर फ्लो होते हैैं फेक मैसेज

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एनआरसी और सीएए प्रकरण के दौरान कई बार ऐसे मामले सामने आए जिनमें मैसेज के बाद जब जांच की गई तो पता चला कि किसी नाबालिग या किसी बच्चे ने मैसेज बढ़ा दिए, जिससे मोहल्ले में लोगों की भीड़ जुट गई और हंगामा हो गया। दो साल पहले यतीमखाने में हुए विवाद की जड़ में भी सोशल मीडिया पर आए मैसेज को बिना सोचे समझे बढ़ाना ही आया।

साइबर ठगी भी हो सकती

पुलिस अधिकारियों ने ये भी अपील की कि अपने मोबाइल का लॉक स्ट्रांग रखें, जिससे मोबाइल बच्चों और किसी और के हाथ लगने पर उसका मिसयूज न हो सके। लोग आपके मोबाइल का मिसयूज कर साइबर ठगी भी कर सकते हैैं।