कानपुर (ब्यूरो)। कस्बे में बीते साल हाईवे पर एक युवक का शव मिलने के मामले में साथियों पर हत्या का आरोप लगा रहे फैमिली मेंबर्स को पुलिस की बताई गई दुर्घटना की कहानी गले नहीं उतरी। सीनियर ऑफिसर्स से मामले की कंपलेंट के बाद घटना की पुन: जांच के लिए सेटरडे को पहुंची मेडिको लीगल टीम ने घटनास्थल पर शव की डमी के माध्यम से अपराध घटित होने का रिहर्सल किया।

18 जुलाई 2023 को मिला था शव
गया प्रसाद नगर बिल्हौर निवासी 21 साल का आयुष 18 जुलाई की रात अपने तीन साथियों के साथ घर से निकला था। 19 जुलाई की सुबह उत्तरीपूरा पुलिस को कानपुर अलीगढ़ हाईवे के बाईपास पर एक अज्ञात शव मिला था। जिसका पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार करा दिया था। मीडिया में आई खबरों से मिली जानकारी पर घटना के छह दिन बाद बेटे की तलाश में जुटी उसकी मां गीता देवी ने थाने पहुंचकर कपड़े और फोटो से उसकी पहचान की थी।

तीन साथियों पर लगा था हत्या का आरोप
मृतक आयुष की मां ने पड़ोस में रहने वाले उसके तीन साथियों गौरव, राजू और राहुल पर बेटे की हत्या करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद तीनों को छोड़ दिया था और चारो साथियों के ट्रेन से उत्तरीपूरा पहुंचने के बाद वापसी के लिए हाईवे पर पहुंचने पर युवक की दुर्घटना में मौत होने की जानकारी दी थी।

साथियों के पास मिला था मृतक का मोबाइल
मृतक की मां के अनुसार घटना के बाद उसका मोबाइल मौके से फरार हुए साथियों के पास मिला था और उनके द्वारा 6 दिनों तक न तो घटना की उन्हें जानकारी दी गई और न ही बेटे का मोबाइल दिया गया था। बेटे का शव भी अर्धनग्न अवस्था में मिला था। निश्चित ही उसकी हत्या साथियों के द्वारा की गई।

मेडिको लीगल टीम ने किया घटना का रिहर्सल
पुलिस की कार्यवाही से असंतुष्ट मृतक की मां गीता देवी ने घटना की शिकायत सीनियर ऑफिसर्स से कर फॉरेंसिक जांच की मांग थी। जिस पर घटना की पुन: जांच के लिए लखनऊ से कीर्ति वर्धन सिंह के नेतृत्व में शनिवार को मेडिकल लीगल की टीम घटनास्थल पर पहुंची थी और शव की डमी के माध्यम से घटना का रिहर्सल किया और इविडेंस कलेक्ट किए.इस मौके पर थाना प्रभारी केशव तिवारी सहित पुलिस टीम मौजूद रही।