कानपुर (ब्यूरो)। इन दिनों गर्मी दशकों के रिकॉर्ड तोड़ रही है। पारा लगातार 45 डिग्री के पार चल रहा है। सुबह से ही सूरज से आग बरसने लगती है। गर्मी ऐसी कि पंखे, कूलर तो काम नहीं कर रहे हैं। राहत मिल रही है तो सिर्फ एसी में। ऐसे में घर हो या ऑफिस, शॉप हो शोरूम। हर जगह एसी चल रहे हैं। मार्केट में भी एसी की डिमांड बढ़ गई है। लेकिन दूसरी तरफ एसी में आग लगने और कंप्रेशर फटने की घटनाएं हो रही हैं। इसकी वजह ये है कि लोग एसी खरीद तो रहे हैं लेकिन उसका यूज कैसे करना है, इस पर ध्यान नहीं है। ऐसे में अगर आपके घर भी एसी है या ऐसी खरीदने जा रहे हैं तो उसका सही यूज कैसे करना है, क्या क्या सावधानी बरतनी हैं, ये जरूर जान लीजिए। जिससे इस तरह की घटना न हो और आप रहें कूल कूल।

बीच बीच में दें रेस्ट
भीषण गर्मी के कारण बाजार में भी एसी और कूलर का टोटा पड़ा हुआ है। इस गर्मी में लगातार एसी के कंप्रेशर फटने, गैस खत्म होने और एसी में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही है। 22 मई को रेलबाजार में दारोगा पवन कुमार के घर में लगे एसी में अचानक तेज आवाज आने लगी। पवन ने बताया कि सोचा कि पंखे में कुछ फंसा होगा लेकिन कुछ ही देर में कंप्रेशर से धुआं निकलने लगा। किसी तरह घर में रखे फायर एक्सिटिंग्यूशर से आग बुझाई। इसी तरह की घटना 25 मई को चकेरी के अहिरवां निवासी सुधीर कुमार के एसी में भी हुई, आवाज के साथ आग लगी और दहशत हो गई। 27 मई को कोयला नगर निवासी प्रदीप कुमार के फ्रिज में आग लग गई। किसी तरह से आग पर काबू पाया गया।
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एसी यूज कर रहे तो इन बातों का रखें ध्यान
- एसी का फिल्टर नियमित साफ करें, दो से तीन महीने मेंं सर्विस जरूर करवाएं।
- मिनी सर्किट ब्रेकर एमसीबी का यूज करें, एल्यूमीनियम की जगह कॉपर वायर लगाएं।
- घर का पॉवर लोड जरूर चेक कराएं, अगर कम है तो यूज के मुताबिक लोड बढ़वाएं
- सुनिश्चित करें कि पोल से वायर ढीला न बंधा हो, अच्छी क्वालिटी की केबल यूज करें
- एसी का टेम्प्रेचर 24 से 26 डिग्री सेल्सियस पर रखें, यह सबसे आदर्श स्थिति है।
- एसी चलाने के दौरान कोई दूसरा हैवी अप्लाएंस जैसी वाशिंग मशीन, इंडक्शन न चलाएं।
- विंडो एसी को धूप से बचाने के लिए उसके ऊपर फाइबर शेड लगाएं।
- वायरिंग कराते समय एसी की लाइन अलग डलवाएं, अलग एमसीबी लगाएं
- आग लगने से पहले अलार्म देने वाले सेंसर का यूज भी किया जा सकता है

कंप्रेसर की गर्मी चेक करते रहें
वोल्टेज फ्लक्चुएशन के साथ वोल्टेज कम होने पर एसी के कंप्रेसर पर अधिक दबाव पड़ता है। जिस वजह से कंप्रेसर के साथ अन्य उपकरण पर अधिक दबाव पडऩे पर वह जरूरत से अधिक गर्म हो जाते हैं, जिससे आग लगने की संभावना बढ़ती है। एसी के कंडेसर और इससे बाहर हवा निकलने वाले स्थान पर अवरोध होने पर एसी की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती और ऐसी स्थिति में ब्लास्ट होने का खतरा बढ़ जाता है।

इसलिए होता है ब्लास्ट
एसी चाहे विंडो हो या फिर स्प्लिट हो, उससे 60 से 70 डिग्री सेल्सियस गर्मी आउटडोर यूनिट से बाहर निकलती है। उसी के मुताबिक वह कूलिंग करता है। धूल जमा होने की स्थिति में गर्मी बाहर नहीं निकल पाती और कूलिंग भी कम होने लगती है। एसी के अंदर प्रेशर बनता है और आग लगने की आशंका बढ़ जाती है। स्थिति में बिना बंद किए ही एसी का लगातार प्रयोग करने से कंप्रेसर ब्लास्ट होने की संभावना बढ़ जाती है।

एसी को मेनटेन रखने के टिप्स
एसी को डेली यूज करने से उसके सभी पुर्जे चलते रहते हैं। और अगर कोई समस्या होती है, तो वही जल्दी पकड़ में आ जाती है, जिसे आप ठीक करवा सकते हैं। हफ्ते में एक बार 10 मिनट के लिए एसी को सबसे ठंडी सेटिंग पर और सबसे तेज फैन स्पीड पर डीफ्रॉस्ट मोड में चलाना चाहिए। इससे गैस का प्रेशर सही रहता है, कम्प्रेसर ठीक से चलता रहता है। अगर बहुत गर्मी के दिन कार धूप में खड़ी रहने से गर्म हो गई है, तो गाड़ी चलाना शुरू करने के बाद फैन को तेज कर दें। और सिर्फ 10 से 20 सेकंड के लिए पीछे की सीटों की खिड़कियां खोलकर गर्म हवा निकाल दें।