- हमसफर में लगाए गए स्लीपर कोच, फ्लेक्सी फेयर से भी पैसेंजर्स को राहत

- बेस फेयर में नहीं किया गया कोई बदलाव, तत्काल टिकट में भी मिलेगी रिलीफ

- इलाहाबाद-आंनद विहार चल रही हमसफर में लगा दिया गए हैं दो स्लीपर कोच

KANPUR। रेलवे की प्रीमियम ट्रेन हमसफर में अब पैसेंजर्स अच्छे के साथ सस्ते सफर का आनंद उठा सकते हैं। रेलवे ने पैसेंजर्स को दीपावली से पहले इस प्रीमियम ट्रेन में स्लीपर कोच लगाकर बड़ा तोहफा दिया है। साथ ही पैसेंजर्स को फ्लेक्सी फेयर और तत्काल टिकट के फेयर में भी काफी राहत दी है।

अभी तक नहीं लगे थे स्लीपर कोच

रेलवे आफिसर्स के मुताबिक दिसंबर 2016 में पैसेंजर्स को अच्छी व आरामदायक सुविधा मुहैया कराने के लिए हमसफर ट्रेनों को चलाया गया था। ट्रेन में सभी कोच एसी होने की वजह से इसमें फ्लेक्सी फेयर भी लगा दिया गया था। अब रेलवे बोर्ड ने पैसेंजर्स को कम पैसों में आरामदायक सफर मुहैया कराने के लिए हमसफर प्रीमियम ट्रेनों में स्लीपर कोच लगा फ्लेक्सी फेयर हटा दिया है। इससे पैसेंजर्स को फेस्टिव सीजन में रिलीफ मिलेगी।

बेस फेयर में कोई चेंज नहीं

एनसीआर सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने हमसफर ट्रेनों के बेस फेयर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि हमसफर की तत्काल टिकटों के फेयर में भी पैसेंजर्स को पहले की अपेक्षा राहत दी गई है। तत्काल टिकट का किराया अब बेस फेयर के 1.5 गुना से घटाकर 1.3 गुना कर दिया गया है।

खाली चल रहीं थी हमसफर ट्रेनें

रेलवे आफिसर्स के मुताबिक फ्लेक्सी फेयर स्कीम व स्लीपर कोच न लगे होने से यह ट्रेनें हमेशा खाली चल रही थीं। जिससे रेलवे को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा था। हमसफर एक्सप्रेस के खाली चलने व अन्य रूटीन ट्रेनों में कंफर्म रिजर्वेशन टिकट को लेकर काफी मारा मारी होने की वजह से ही रेलवे ने हमसफर प्रीमियम ट्रेनों में स्लीपर कोच लगाने का डिसीजन लिया है। जिससे अन्य ट्रेनों की वेटिंग कम हो सके।

डाटा

23 प्रीमियम हमसफर ट्रेन वाया कानपुर चलती है

2 स्लीपर कोच हर हमसफर एक्सप्रेस में लगाए जा रहे हैं

23 हजार से ज्यादा पैसेंजर्स डेली इन ट्रेनों में करते हैं सफर

2016 दिसंबर में चलाई गई थी हमसफर एक्सप्रेस

कोट

पैसेंजर्स की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे बोर्ड ने हमसफर प्रीमियम ट्रेनों में स्लीपर कोच लगा कर उससे फ्लेक्सी फेयर हटा दिया है। इससे पैसेंजर्स को रिलीफ मिलेगी।

अजीत कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनसीआर