कानपुर (ब्यूरो)। भाई जान ये मेरी बिटिया को ले गई है, अगर इस महिला को आपने देखो हो तो बता दीजिए। कुछ इसी तरह परिवार अपने 9 महीने के बच्चे को तलाश करने के लिए पोस्टर लेकर गली गली घूम रहे हैं। परिवार हिंदी कम जानता है लेकिन टूटी फूटी भाषा में कभी थाने में बैठे इंसपेक्टर तो कभी थाने में नए दिखने वाले लोगों से बच्चे की जानकारी कर रहा है। लेकिन अब तक बच्चे का कुछ पता नहीं चल सका है। संडे को थाने में घुसते ही बेंच पर बैठी 9 महीने के ईशान की मां मोमिना बच्चे की याद में बदहवास होती दिखाई दी। किसी तरह मोमिना के पति आफताब ने उन्हें संभाला।

थाने से चंद कदम की दूरी पर
आफताब का परिवार मूल रूप से झारखंड पाकुड़ रानीपुर का रहने वाला है। तीन महीने पहले तक वे छत्तीसगढ़ में थे। तीन महीने पहले ही वे छत्तीसगढ़ से कानपुर आए थे। यहां बेकनगंज में रहकर कबाड़ का काम शुरू कर दिया था। बीते शनिवार को 8 साल की बेटी सीमी और 5 साल की सिमी 9 महीने के ईशान को गोद में लेकर खिला रही थीं। इसी बीच नकाब पहने दो महिलाएं आर्ई। एक महिला ने दोनों बच्चों को पहले पानी पूरी खिलाई।

उसके बाद लस्सी लाने के लिए रुपये दिए। जब दोनों बच्चियां लस्सी लेने के लिए चली गईं तो महिलाएं 9 महीने के ईशान को लेकर फरार हो गईं। पहले बच्चियां महिलाओं को तलाशतीं रहीं लेकिन बाद में न मिलने पर परिवार वालों को जानकारी दी। जो सीसीटीवी फुटेज आई है, उसे साफ कराने के बाद उसकी फोटो बड़ी कराकर परिवार वाले लोगों से पहचान कराते बाजार में घूम रहे हैैं।