- रायपुरवा में सगे भाइयों ने परिवारिक विवाद में पत्रकार की हत्या की

- डिप्टी पड़ाव में पारिवारिक विवाद में भाइयो ने की पत्रकार की हत्या, दिवाली की रात दिया अंजाम

-कार में रखकर उन्नाव फेंकने गए थे शव, पूरे मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही भी सामने आई

KANPUR :

दीपावली की रात जहां हर घर में खुशियां मनाई जा रही थीं। वहीं सिटी के रायपुरवा एरिया में दो सगे भाईयों ने अपने भाई को गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया। रिश्तों का ये कत्ल पारिवारिक विवाद के चलते अंजाम दिया गया। हत्या के बाद आरोपी भाई कार में रखकर लाश को उन्नाव फेंक आए। पत्नी की तहरीर पर जब पुलिस ने आरोपी भाइयों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन लोगों ने जुर्म कबूल कर लिया। अब पुलिस की टीम लाश बरामद करने के लिए आरोपी को उन्नाव ले गई है।

भाई से हुआ था झगड़ा

डिप्टी पड़ाव निवासी विजय गुप्ता निजी पोर्टल में रिपोर्टर था। फैमिली में पत्नी रोली और दो साल का बेटा है। विजय का अपने दोनों सगे भाइयों से विवाद चलता था। जिसमें एक भाई मनोज गुप्ता उर्फ कोबरा अपराधी प्रवृत्ति का है। विजय का दिवाली की रात भाई मनोज से झगड़ा हुआ था। जिसकी विजय ने थाने में तहरीर भी दी थी। जिसमें उसने मनोज पर घर के बाहर आकर गाली गलौज, मारपीट करने व जान का खतरा होने का आरोप लगाया था।

घर के बाहर कर रहे थे इंतजार

विजय तहरीर देने के बाद जब घर पहुंचा तो वहां पर भाई मनोज और रतन अपने दोस्त मोइनुद्दीन व एक अन्य दोस्त के साथ उसका इंतजार कर रहा था। विजय के घर में घुसते ही चारों ने हमला बोलकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद कोबरा अपनी वैगनआर कार में उसका शव रखकर अचलगंज उन्नाव ले गया। वहां से शव को फेंककर वापस आ गए।

फुटेज मिलने पर जुर्म कबूला

विजय की पत्नी रोली ने विजय के भाइयों पर शक जताते हुए थाने में तहरीर दी। इस बीच पुलिस को एक मददगार से पता चला कि कोबरा रात को कार से उन्नाव की ओर गया था। उसने डिप्टी पड़ाव के पास पंप से पेट्रोल भी भरवाया था। पुलिस ने पंप और उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगाला तो उनको कोबरा की कार की फुटेज मिल गए। जब पुलिस ने फुटेज की जानकारी देकर कोबरा से पूछताछ की तो वह टूट गया और उसने जुर्म कबूल कर लिया।

पुलिस कार्रवाई करती तो बच जाती जान

अगर पुलिस दिवाली की रात विजय की दी गई तहरीर पर एक्शन लेते हुए आरोपी भाइयों को हिरासत में लेती तो शायद वे विजय की हत्या करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाते और विजय की जान बच जाती। इस मामले में रायपुरवा इंस्पेक्टर सुशील कुमार योगी की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं। जिसको देखते हुए एसएसपी ने मामले की जांच सीओ अनवरगंज को साैंपी है।

लाइसेंसी बंदूक को कब्जे में लिया

पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेने के साथ मनोज की लाइसेंसी बंदूक भी कब्जे में ले ली है। इससे विजय की गोली मारकर हत्या का शक जताया जा रहा है। ये भी माना जा रहा है कि पटाखों की आवाज में गोली की आवाज पर किसी का ध्यान नहीं गया होगा। फिलहाल एसएसपी का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण पता चलेगा।