कानपुर (ब्यूरो)। हाईवे किनारे यमदूत बने ट्रक आदि हैवी व्हीकल अवैध रूप से खड़े रहते हैैं। जिनकी वजह से पहले भी कई मौतें हो चुकी हैं। चकेरी हाईवे पर ही खड़े ट्रक में लोडर के टकराने से 5 लोगों की मौत हो चुकी है। यमदूत बनकर खड़े इन व्हीकल्स को हटाने के लिए कई प्लान बनाए गए लेकिन इन व्हीकल्स को हटाने में सफलता नहीं मिल पाई, जिसका परिणाम मंडे सुबह हुआ हादसा, जिसमें तीन लोगों की मौैत हो गई।

कोई विभाग जिम्मेदारी को तैयार नहीं
जब कभी बड़ा हादसा होता है, कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ता है, बस इसी समय शुरू होता है प्लानिंग और हादसों को रोकने की कवायद के तरीकों पर मीटिंग। फिर चाहे एनएचएआई हो, ट्रैफिक पुलिस हो या थाने की पुलिस। सभी मिलकर इसी कवायद में जुट जाते हैैं। लेकिन हकीकत ये है कि समय बीतने के साथ साथ ये सारे प्रयास फाइलों में दफन हो जाते हैैं।

ये हैं जिम्मेदार
नियम के मुताबिक थाना पुलिस को अपने इलाके में मूवमेेंट कर इन व्हीकल्स को हटवाना चाहिए। ट्रैफिक पुलिस का मूवमेंट हाईवे पर होना चाहिए। इसके अलावा जिस टोल रोड पर चलने का हम टोल टैक्स दे रहे हैैं। इसकी जिम्मेदारी उस एजेंसी यानि एनएचएआई की भी है कि वह हादसे रोकने में हेल्प करे।

एंबुलेंस, क्रेन और मूवमेंट व्हीकल होना चाहिए हाईवे पर
हाईवे पर सेफ जर्नी कराने की जिम्मेदारी एनएचएआई की होती है। इसके लिए जितनी एजेंसी की सीमा होती है, उस पर एंबुलेंस, क्रेन और मूवमेंट व्हीकल होने की शर्त होती है, लेकिन कानपुर से निकलने वाले 35 किलोमीटर के नेशनल हाईवे पर आपको कहीं भी न तो एंबुलेंस मिलेगी और न ही क्रेन और न ही मिलेगा मूवमेंट व्हीकल। जिसका हम रोड टैक्स तो पहले ही दे चुके होते हैं और भारी भरकम टोल टैक्स भी देते हैैं। हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी से बचता रहता है। जबकि इस 35 किलोमीटर के नेशनल हाईवे पर शायद ही कोई ऐसा दिन होता हो जब हादसा न होता हो।