कानपुर (ब्यूरो)। बिकरू मामले के आरोपित विकास दुबे की पत्नी सहित सात लोगों पर फर्जी दस्तावेज से सिम लेने के मामले में केस डायरी पूरी नहीं होने को लेकर सुनवाई टल गई। अब न्यायालय ने मामले की सुनवाई को 21 अगस्त की तिथि नियत की है। सीजेएम कोर्ट में चल रहे इस मामले में हाईकोर्ट ने बचाव पक्ष को केस डायरी की नकल उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। बचाव पक्ष को केस डायरी की नकल दी गई, जो अपूर्ण होने पर बचाव पक्ष ने लेने से इन्कार कर दिया।

पुलिस टीम पर हुआ था हमला

मालूम हो कि बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 को दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे गैंग ने फायङ्क्षरग कर दी थी। घटना में आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। मामले में पुलिस ने विकास दुबे की पत्नी रिचा, अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे, शांति देवी, विष्णु पाल, दीप प्रकाश उर्फ दीपू, रेखा अग्निहोत्री व राम ङ्क्षसह पर फर्जी दस्तावेज लगा सिम लेने का मुकदमा दर्ज कराया था।

आरोप पत्र कोर्ट में हुआ था पेश

मामले की विवेचना कर खुशी दुबे के खिलाफ आरोप पत्र किशोर न्याय बोर्ड में व अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र एंटी डकैती कोर्ट में पेश किए गए थे, लेकिन बचाव पक्ष के क्षेत्राधिकार का मामला उठाने पर एंटी डकैती कोर्ट ने इसी वर्ष 27 फरवरी को सभी आरोपितों पर आरोप तय करते हुए पत्रावली सीजेएम कोर्ट में स्थानांतरित कर दी थी।

हाईकोर्ट में दिया था प्रार्थना पत्र

आरोपितों की ओर से बचाव पक्ष के अधिवक्ता अश्वनी कुमार त्रिपाठी ने एंटी डकैती कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था, जिस पर हाईकोर्ट ने केस डायरी की नकल बचाव पक्ष को उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे।

रिचा दुबे नहीं पहुंची कोर्ट

नियत तिथि पर सैटर्डे को मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय से बचाव पक्ष को केस डायरी की नकल उपलब्ध कराई गई, लेकिन अपूर्ण केस डायरी होने पर बचाव पक्ष ने लेने से इन्कार कर दिया। वहीं रिचा दुबे के न पहुंचने पर बचाव पक्ष ने हाजिरी माफीनामा दिया। अब न्यायालय ने मामले की सुनवाई को 21 अगस्त की तिथि नियत की है।