कानपुर (ब्यूरो) केडीए अफसरों की मेहरबानी ही कहेंगे कि 36 वर्ग मीटर से लेकर दो सौ वर्ग मीटर जगह पर छह मंजिला तक निर्माण करा दिया। चौकाने वाली बात ये है कि केडीए सचिव आवास के सामने पिछले तीन साल तक इमारत बनती रही लेकिन किसी भी अफसर की नजर नहीं गई। इमारत बन जाने पर दिखाने के लिए सीलिंग की कार्रवाई की गई। 11 जुलाई को केडीए ने सचिव के आवास के सामने बनी इमारत का अवैध हिस्सा गिरा दिया।

सात इमारतों को नोटिस
बिल्डर वसी की सात इमारतों को गिराने का नोटिस दिया गया है। दो बार नोटिस दिया गया है लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। शमन कराने की तैयारी की जा रही है। बिल्डर वसी या उसके सहयोगियों ने सीसामऊ बाजार, दर्शनपुरवा, पीरोड, पनकी समेत कई जगह पर अवैध इमारतों बनाई हैं। केडीए के इंजीनियर्स को सब पता है लेकिन चुप्पी साधे हुए हैं।

यहां पर बनी इमारतें
प्रेमनगर, चमनगंज, जाजमऊ, बाबूपुरवा, दर्शनपुरवा, पीरोड, गांधीनगर समेत कई जगह बिल्डर वसी की इमारतें है। वहीं पनकी में भी वसी से जुड़े लोगों की संपत्तियां है। केडीए के कर्मचारी की पनकी में संपत्ति है। कई भूखंडों पर कब्जा है। कई में मानक के विपरीत निर्माण हो गए है। ऐसे ही कई और जगह भी संपत्तियां है।

जोन एक में सबसे ज्यादा
केडीए के जोन एक में सबसे ज्यादा निर्माण हुए है। इस दौरान प्रवर्तन दस्ते के प्रभारी मनोज मिश्रा, आलोक वर्मा, केके ङ्क्षसह, डीएस चौहान, अतुल मिश्र, एके ङ्क्षसह तैनात रहे है। पिछले छह माह से विशेष कार्याधिकारी अवनीश ङ्क्षसह तैनात है।