अंधाधुंध बिजली कटौती से शहर में हाहाकार मचा है। बिजली की धोखाधड़ी कानपुराइट्स को पानी के लिए भी तरसा रही है। यूपीपीसीएल कानपुर को 24 घंटे बिजली तो नहीं दे रहा है। लेकिन जितनी बिजली देता है उतनी भी उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचती है। इसका सबसे बड़ा कारण जर्जर पॉवर सप्लाई सिस्टम के साथ केस्को कर्मियों की लापरवाही भी है। रात को फेस बंद होने, जंफर उड़ने पर कंज्यूमर्स को क्यों रातभर परेशान होना पड़ता है? ये खुलासा आई नेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ। आई नेक्स्ट रिपोर्टर मनोज खरे, कुशाग्र पांडेय और फोटोजर्नलिस्ट अभिनव शुक्ला ने मंडे रात को शहर के केस्को सबस्टेशनों की हकीकत जानी

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KANPUR: सिटी के एक दर्जन से ज्यादा केस्को सबस्टेशन का रियलिटी चेक आई नेक्स्ट टीम ने किया। सबस्टेशन रात को बंद हो जाते हैं और केस्को इम्प्लाई या तो घर चले जाते हैं या फिर सो जाते हैं।

टाइम-रात के 1 बजे

जगह-जरीब चौकी सबस्टेशन

आई नेक्स्ट टीम ने यहां पहुंचकर गेट पर ताला देखा तो कई बार आवाज लगाईभइया कोई हैलेकिन करीब दस मिनट तक कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। जब टीम वहां से चलने लगी तो एक हिलता-डुलता आदमी आया और बोला, क्या है? क्यों चिल्ला रहे हो? आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने कहा, हमारा फेस चला गया है? बनवा दोये प्रश्न सुनकर वो बोला, सुबह 8 बजे आना.फिर कम्प्लेन लिखवानाअभी क्यों नींद खराब कर रहे होआपको ये जानकार हैरानी होगी कि वो साहब ठीक से खड़े नहीं हो पा रहे थे। अब इसकी वजह क्या थी? ये तो उन्हीं को पता होगीलेकिन उनका जवाब यही था कि रात में सब लोग सो जाते हैंकाफी देर बहलाने के बाद उन्होंने सिर्फ अपना नाम बतायाएनके बाजपेई। लेकिन रात में किसी तरह की समस्या के समाधान के लिए उन्होंने मना कर दिया और उन्होंने गेट भी नहीं खोलाएक आम नागरिक के रूप में आई नेक्स्ट टीम गेट पर खड़े होकर गुहार लगाती रही और वो अंदर जाकर सो गए

टाइम-रात 1 बजकर 25 मिनट

जगह-दालमंडी सबस्टेशन

सबस्टेशन का दरवाजा बंद था। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने गेट पर पहुंचकर खटखटाया, लेकिन कोई कर्मचारी नहीं आया। जब काफी देर तक रिपोर्टर गेट खटखटाता रहा तो केस्को कर्मचारी तो नहीं आए, लेकिन पड़ोस में रहने वाले सीके मिश्रा जरूर अपने छज्जे से आवाज सुनकर झांकने लगे। बोले, भइया रात में सबस्टेशन के गेट पर क्या कर रहे हो? रात में सबस्टेशन बंद हो जाता है। अगर कोई खराबी होती है तो सुबह जब गैंग आता है तभी सही होता है। रिपोर्टर ने एक आम नागरिक की तरह उनसे कहा कि मेरा फेस चला गया है। नंबर नहीं मिला तो सबस्टेशन चला आया। लेकिन दस मिनट से खड़ा हूं कोई इम्प्लाइज नहीं दिख रहा है। इसके जवाब में सीके मिश्रा बोले, पूरी रात खड़े रहोगे तो भी कोई नहीं आएगा। अंदर जो कर्मचारी होंगे वो इतने फिट होंगे कि नींद से कोई जगा ही नहीं सकता है। खैर, आई नेक्स्ट टीम जब वहां से चलने लगी तो दिखा कि रोड पर खड़ी ट्रॉली में सीढ़ी लगी थी और कर्मचारी नदारद थे।

रात-दो बजे

जगह-फूलबाग सबस्टेशन

यहां भी हाल बिल्कुल वैसा ही दिखा। सबस्टेशन बंद था और कर्मचारी गायब थे। गेट से कुछ मीटर की दूरी पर एक पेड़ के नीचे सो रहे एक रिक्शेवाले ने आई नेक्स्ट रिपोर्टर को सबस्टेशन के गेट पर देखा तो बोला, भइया रात में सब सो जाते हैं काहे परेशान हो रहे हो। घर जाओ, सुबह आना। काफी देर तक रिपोर्टर खड़ा रहा, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली।

रात-दो बजकर 20 मिनट

जगह-परेड सबस्टेशन

सिटी के महत्वपूर्ण सबस्टेशनों में शामिल परेड सबस्टेशन का हाल तो और भी बुरा था। यहां तो सबस्टेशन के अंदर से लेकर बाहर हर जगह सन्नाटा पसरा था। कोई कर्मचारी नहीं दिखा।

रात-दो बजकर 40 मिनट

जगह-कर्नलगंज सबस्टेशन

अभी हाल ही में कानपुर आए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के दौरान कहा था कि शहर को कई नए सबस्टेशन सरकार ने दिए हैं। नए सबस्टेशनों में कई उपकरण नए लगे हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी। सबस्टेशन 24 घंटे उपभोक्ताओं की सेवा करेंगे। उन्हीं नए सबस्टेशनों में शामिल कर्नलगंज सबस्टेशन के कर्मचारी शायद सीएम की बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। वो सिर्फ सैलरी से मतलब रखते हैं तभी तो रात को सबस्टेशन अंदर से बंद करके सब सो गए और उपभोक्ता परेशान होते रहे।

रात-तीन बजे

जगह-गुमटी नंबर 5 सबस्टेशन

सबसे ज्यादा रेवेंयू देने वाले सबस्टेशनों की कतार में खड़े गुमटी नंबर 5 सबस्टेशन की हालत भी बिल्कुल ऐसी ही है। यहां पहुंचे आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने गेट को नॉक किया। काफी देर तक खटखटाने के बाद भी कोई कर्मचारी नहीं आया। गेट को थोड़ा हिला-डुलाकर अंदर झांका तो एक कर्मचारी गहरी नींद में सोता हुआ दिखा। कई बार चिल्लाया तो बोला, कोई है नहींरिपोर्टर ने कहा कि फेज चला गया हैअंदर से आवाज आई तो हम क्या करें? जाओ सोने दोसुबह 8 बजे आना जब गैंग आता हैरिपोर्टर ने उससे कई बार नाम पूछा, लेकिन वो शायद इस स्थिति में नहीं था कि अपना नाम बता सके।

वाकई रात को पूरी नींद लेते हैं

केस्को के चीफ इंजीनियर कहते हैं कि बिजली इमरजेंसी सेवा में शामिल है। ऐसे में 24 घंटे केस्को सबस्टेशन खुला रहता है और कर्मचारी तैनात रहते हैं। रात में कोई भी सबस्टेशन जाए तो उसकी कम्प्लेन दर्ज कर समस्या का निदान किए जाने का प्रावधान है। लेकिन स्टिंग ऑपरेशन में उनके दावों की पोल कैसे खुली है आप फोटो में भी देख सकते हैं। वाकई रात में केस्को कर्मचारी पूरी नींद करने की तनख्वाह लेते हैं।

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केस्को चीफ इंजीनियर एके कोहली से दो-टूक

सवाल- क्या रात में सबस्टेशन बंद रखने का आदेश है?

जवाब- सबस्टेशन बंद होने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता है। यह 24 घंटे की सर्विस है।

सवाल- क्या इमरजेंसी के लिए रात में सबस्टेशन पर गैंग रहते हैं?

जवाब- जी हां, बिल्कुल हर सबस्टेशन पर इमरजेंसी सर्विस के लिए गैंग तैनात किए गए हैं।

सवाल- आई नेक्स्ट टीम को रात में सबस्टेशन बंद मिले, इस पर क्या कहेंगे?

जवाब- अगर कोई सबस्टेशन बंद मिला है तो जांच कराकर वहां के संबधित अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी।