कानपुर(ब्यूरो)। जितना हो सके संतुष्ट रहना सीखें। असंतुष्ट रहने से आप कमजोर होंगे। जो कि आपके लिए नकारात्मक है। यह बातें संडे को दीनदयाल उपाध्याय सनातन धर्म स्कूल युग भारती के वार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन में संस्थापक आचार्य ओम शंकर त्रिपाठी ने कहीं। प्रबंध समिति के अध्यक्ष योगेंद्र जी भार्गव, युग भारती के संस्थापक ओम शंकर त्रिपाठी समेत कई पदाधिकारियों ने दीप जलाकर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और भारत माता के चित्र पर फूल चढ़ाकर प्रोग्राम को स्टार्ट किया। संस्थापक ने कहा कि जब समय मिले तब पढ़े और स्वाध्याय करें। एक बात समझ लें कि जो कुछ करता है परमात्मा करता है और वह सब कुछ अच्छा करता है। कहा कि आज जब मेरे स्टूडेंट्स कहीं सम्मानित होते हैैं तो मुझे लगता है कि मैैं प्रतिष्ठित हो रहा हूं।
प्रबंध समिति के अध्यक्ष योगेंद्र जी भार्गव ने कहा कि विद्यालय से प्राप्त संस्कारों को लेकर आप जो सामाजिक कार्य कर रहे हैैं वे निश्चित रुप से विद्यालय के उद्देश्यों को पूरा कर रहे हैैं। संस्था के अध्यक्ष वीरेंद्र त्रिपाठी ने आगामी योजनाओं में विशेषकर वंचित और उपेक्षित वर्ग के बीच शिक्षा प्रकल्प के विस्तार पर सहयोग करने की बात कही। प्रोग्राम में दीनदयाल से पढ़ाई कर चुके 47 बैच के स्टूडेंट्स के प्रतिनिधि आए। बताते चलें कि युग भारती दीनदयाल सनातन धर्म विद्यालय के स्टूडेंट्स द्वारा चलाई जा रही संस्था है जो कि शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वालंबन और सुरक्षा जैसे चार आयामों पर काम कर रही है। क्वेश्चन और आंसर सेशन में आचार्य ओम शंकर त्रिपाठी से दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के सीईओ आलोक सांवल ने सवाल पूछा, जिसका उन्हें उत्तर मिला। इस मौके पर दीनदयाल स्कूल की मैजेनर नीतू सिंह, प्रिंसिपल डॉ। राकेश राम त्रिपाठी, डॉ। प्रवीण सारस्वत, नवीन भार्गव, मलय चतुर्वेदी, मनीष कृष्णा, डॉ। मनोज अवस्थी, प्रवीण अग्रवाल, डॉ। पवन मिश्रा और निर्भय सिंह नौलखा आदि मौजूद रहे।