KANPUR: रैगिंग करने वाले स्टूडेंट्स के साथ अब फैकल्टीज को भी बख्शा नहीं जाएगा। मेडिकल कॉलेज में स्पो‌र्ट्स फेस्ट के दौरान स्टूडेंट के कपड़े उतरवा कर ग्राउंड में चक्कर लगवाने के मामले में दोषी पाए गए ऑर्थोपेडिक विभाग के लेक्चरर डॉ। फहीम की बर्खास्तगी होगी। इसके लिए कॉलेज प्रशासन ने मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स व डीजीएमई को रिपोर्ट भेज दी है। रिपोर्ट में लेक्चरर डॉ। फईम अंसारी की संविदा समाप्त करने के लिए कहा गया है।

 

कार्रवाई या लीपापोती?

सूत्रों के मुताबिक, लीपापोती के लिए हुई कार्रवाई को कॉलेज प्रशासन भले ही सख्त कदम बता रहा हो लेकिन मामले में दोषी लेक्चरर व सस्पेंड किए गए दो अन्य सीनियर रेजीडेंट के खिलाफ एफआईआर नहीं कराना कॉलेज प्रशासन की नीयत पर सवाल खड़े करता है। इसके साथ ही पीडि़त छात्र की सुरक्षा को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है। क्योंकि लेक्चरर समेत सभी आरोपी एसआर की कैंपस में इंट्री पर कोई पांबदी नहीं है। संविदा खत्म करने के संस्तुति कोई कड़ी कार्रवाई नहीं है क्योंकि एक निश्चित अवधि के बाद कान्ट्रैक्ट अपने आप समाप्त हो जाता.

 

डर के साये में जूनियर्स

मेडिकल कॉलेज कैंपस में रैगिंग के बाद जूनियर व सीनियर स्टूडेंट्स के बीच पैदा हुए तनाव से जूनियर्स में डर का माहौल है। सुरक्षा को लेकर कई स्टूडेंट्स ने नाम न छापने की शर्त पर चिंता जाहिर की। उनके मुताबिक सीनियर्स के सामने सिर झुका कर चलने की हिदायत दी गई है।

 

जीएसवीएम की कराई बदनामी

मेडिकल कॉलेज प्रशासन बदनामी से बचने के लिए इसे तकनीकी रूप से रैगिंग की घटना न मान करे अनुचित व्यवहार की श्रेणी में रख रहा है लेकिन डॉ। फहीम की बेजा हरकत से जीएसवीएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की साख को गहरा धक्का लगा है। सवाल खानापूरी करने का नहीं ऐसे कार्रवाई करने का है जिससे भविष्य के लिए संदेश जाए ताकि फिर कोई डॉक्टर शिक्षक जैसी भूमिका को इस तरह दागदार न कर सके।

 

 

स्पो‌र्ट्स मीट के दौरान मेडिकल स्टूडेंट के कपड़े उतरवाने के मामले में आरोपी लेक्चरर समेत सभी पर कॉलेज लेवल से सख्त कार्रवाई की गई है। लेक्चरर की सेवा समाप्ति के लिए डीजीएमई को संतुति की गई है। स्टूडेंट्स की सिक्यूरिटी के लिए एंटी रैगिंग कमेटी 24 घंटे एक्टिव है।

- प्रो। आरपी शर्मा, अध्यक्ष एंटी रैगिंग कमेटी, जीएसवीएम