कानपुर (ब्यूरो)। अपर जिला जज (वन) राजेश चौधरी की कोर्ट ने छात्र नेता की हत्या में निजी गनर (सुरक्षाकर्मी) को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उस पर 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की आधी राशि मृतक के भाई वादी को देने का आदेश दिया है। घटना में छात्र संघ अध्यक्ष प्रत्याशी, उनके पिता, भाई को अदालत दोषमुक्त करार दे चुकी थी।

26 अगस्त 2022 की थी वारदात

दबौली निवासी संदीप ङ्क्षसह यादव ने बर्रा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि 26 अगस्त 2002 को वह डीबीएस कॉलेज में छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी मनोज ङ्क्षसह व समर्थक छात्रों के साथ बर्रा दो सब्जी मंडी के पास जनसंपर्क कर रहा था। जनसंपर्क में उसके साथी मनोज ङ्क्षसह, उसका भाई प्रदीप यादव उर्फ टोनी, भूपेंद्र ङ्क्षसह, मनोज पचौरी, अजय ङ्क्षसह, अशोक शर्मा, अमित ङ्क्षसह चौहान, सज्जन पाल छात्र थे। गुंजन स्वीट हाउस बर्रा के पास से संपर्क करते हुए जा रहे थे तभी प्रिया नर्सिंग होम की तरफ से कार सवार अध्यक्ष पद के प्रत्याशी विश्व बैंक बर्रा निवासी संदीप ङ्क्षसह, उनके पिता जेबी ङ्क्षसह, भाई संजीव ङ्क्षसह और संदीप ङ्क्षसह के निजी गनर ग्राम धार मूसानगर निवासी सत्य प्रकाश द्विवेदी ने फायङ्क्षरग शुरू कर दी।

प्रदीप यादव उर्फ टोनी की हुई थी मौत

गोली लगने से उसके भाई प्रदीप यादव उर्फ टोनी की मौत हो गई, जबकि प्रदीप यादव और पंकज घायल हो गए। फायङ्क्षरग से चारों तरफ भगदड़ मच गई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप साहू ने बताया कि अदालत ने सत्य प्रकाश को सजा सुनाई है। संदीप ङ्क्षसह, जेबी ङ्क्षसह, संजीव ङ्क्षसह को 21 मार्च को दोषमुक्त करार दिया गया था।

असफल साबित हुआ अभियोजन

इसमें मुकदमे में अभियोजन असफल साबित हुआ। अभियोजन संदीप ङ्क्षसह, उनके भाई संजीव ङ्क्षसह, पिता जेबी ङ्क्षसह की घटनास्थल पर उपस्थिति और घटना में किसी तरह की भागीदारी तक साबित नहीं कर सका। मौके पर सत्य प्रकाश की मौजूदगी ही अभियोजन साबित कर सका। अवैध तमंचों की बरामदगी भी संदेहास्पद साबित हुई। जेबी ङ्क्षसह के पास से जिस तमंचे की बरामदगी गई, उसकी स्प्रिंग ही खराब निकली। उससे कारतूस नहीं चलाया जा सकता था।